फेंगशुई चीन की वास्तुकला मानी जाती है। फेंगशुई का शाब्दिक अर्थ है हवा और पानी। यानी हवा और पानी का सही संतुलन करना ही इस विद्या का आधार है। हवा से सुख की अनुभूति होती है और पानी से तृप्ति।
जिस प्रकार भारतीय वास्तु शास्त्र में प्रकृति के पांच तत्वों-अग्नि, पृथ्वी, वायु, जल और आकाश को महत्व दिया गया है, उसी प्रकार फेंगशुई में पांच तत्वों-अग्नि, पृथ्वी, धातु, जल और लकड़ी को महत्व दिया गया है। दोनों में मूलभूत अंतर यह है कि फेंगशुई में भारतीय वास्तु शास्त्र के तत्व वायु और आकाश की जगह लकड़ी और धातु को लिया गया है।
यदि आपको लग रहा है कि आपकी कमाई के सारे स्रोत बंद हो गए हैं तो तीन रंगों वाले फेंगशुई मेंढक (जिसके मुंह में सिक्के लगे हों) अपने घर में रखें। उसे इस तरह रखें कि उसकी पूरी दृष्टि आपके घर की ओर हो। ऐसा करने से भाग्य में वृद्धि होगी और आपकी आय के नए दरवाजे खुलेंगे।
घर के मुख्य दरवाजे पर लाल रिबन में बंधे हुए फेंगशुई के 3 सिक्के लटकाने चाहिए। इससे घर में धन और समृद्धि आती है। सिर्फ तीन ही सिक्के लटकाएं और उन्हें दरवाजे के भीतर की ओर रखें। बाहर की ओर सिक्के लगाने से लक्ष्मी द्वार के बाहर ही ठिठक जाती है। सिक्के हमेशा मुख्य दरवाजे पर ही लगाएं।
फेंगशुई में कछुए को भी बहुत शुभ माना जाता है। इसे घर में रखने से कामयाबी के साथ ही पैसा और खुशहाली भी आती है। ध्यान रहे कि कछुए को ऑफिस या घर की उत्तर दिशा में रखना चाहिए। कछुए को रखते समय उसका चेहरा अंदर की ओर होना चाहिए। कछुए को कभी जोड़े में नहीं रखना चाहिए।
फेंगशुई के नियम के अनुसार कछुआ कभी भी शयन कक्ष में नहीं रखना चाहिए। इसे रखने के लिए सबसे बेहतर स्थान घर का ड्राइंग रूम है।
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कछुए को सूखे स्थान पर रखने के बजाय किसी बर्तन में पानी भर कर रखना चाहिए।
आर्थिक सफलता और कामयाबी के लिए घर में लाफिंग बुद्ध भी रखना चाहिए। इन्हें अपने घर में मुख्य द्वार से तिरछी तरफ रखें। बुद्ध समृद्धि के देव हैं। इनकी मुस्कान से घर में सुख और समृद्धि आती है।
सिर्फ ऐसे आ सकेगी घर में धन और समृद्धि – sirph aise aa sakegee ghar mein dhan aur samrddhi – वास्तु शास्त्र टिप्स – vastu shastra tips