जनसंख्या के आधिक्य एवं विज्ञान की प्रगति के कारण आज समस्त विश्व में बहुमंजिली इमारतों का निर्माण किया जा रहा है! जनसामान्य वास्तु सिद्धांतों के विरुद्ध बने छोट-छोटे फ्लैट्स में रहने के लिए बाध्य है! कहा जाता है कि इन्हें वास्तुशास्त्र के अनुरूप नहीं बनाया जा सकता! पर यदि राज्य सरकारें वास्तुशास्त्र के सिद्धांतों के अनुसार कालोनी निर्माण करने की ठान ही लें और भूखंडों को आड़े, तिरछे, तिकाने न काटकर सही दिशाओं के अनुरूप वर्गाकार या आयताकार काटें, मार्गों को सीधा निकालें एवं कोलोनाइजर्स को बाध्य करें कि उन्हें वास्तुशास्त्र के सिद्धांतों का अनुपालन करते हुए ही बहुमंजिली इमारतें तथा अन्य भवन बनाने हैं, तो शत-प्रतिशत तो न सही, पर साठ प्रतिशत तक तो वास्तुशास्त्र के नियमों के अनुसार नगर, कालोनी, बस्ती, भवनों, औद्योगिक-व्यापारिक केंद्रों तथा अन्य इमारतों का निर्माण किया जा सकता है, जिसके फलस्वरूप जन सामान्य सुख-शांतिपूर्ण एवं आरोग्यमय और तनावरहित जीवन व्यतीत कर सकता है! मुश्किलें तो हर क्षेत्र में ही पेश आती हैं, पर समाधान भी हर समस्या का होता है! अतः समाधान से यह संभव हो सकता है!
बाधाएं क्या हैं – batao kya hai – वैदिक वास्तु शास्त्र – vedic vastu shastra