kaisa ho aapake bhavan ke andar ka vaastu

कैसा हो आपके भवन के अंदर का वास्तु – वैदिक वास्तु शास्त्र – kaisa ho aapake bhavan ke andar ka vaastu – vedic vastu shastra

खूबसूरत घर का सपना भला किसकी आंखों में नहीं पलता! यह सपना साकार करने के लिए हम तमाम जतन करते हैं! जितना ध्यान हम घर के बाहरी खूबसूरती पर देते हैं, उतना ही घर के अंदर का वास्तु भी महत्वपूर्ण हैं! आइए जानते है कैसा हो आपके भवन के अंदर का वास्तु!

मकान का ड्राइंग रूम उत्तर-पूर्व, उत्तर या पूर्व दिशा में होना चाहिए!
प्रवेश द्वार भी आप इन्हीं दिशाओं में बना सकते हैं!
अगर आपके प्लॉट के अनुसार, इन दिशाओं में प्रवेश द्वार बनाना संभव नहीं है तो कुशल वास्तु विशेषज्ञ से परामर्श लेकर प्रवेश द्वार हेतु निर्णय लेना चाहिए!
परिवार के मुखिया और उसकी पत्नी के लिए घर का मास्टर बेडरूम दक्षिण-पश्चिम, पश्चिम या दक्षिण दिशा में हो!
अपने रसोईघर को भी दक्षिण-पूर्व या उत्तर-पश्चिम में बनवाएं!
रसोईघर का निर्माण अगर दिशा-निर्देश को ध्यान में रखकर किया जाए, तो भोजन तो स्वादिष्ट बनता ही है, साथ ही आर्थिक दृष्टि से भी यह महत्वपूर्ण है!
पूजा घर या अध्ययन कक्ष उत्तर-पूर्व (ईशान) में बनाना लाभकारी है!
वास्तु के अनुसार यूं तो टॉयलेट घर में नहीं होना चाहिए, लेकिन आजकल यह संभव नहीं है! इसलिए इसे पश्चिम, दक्षिण या उत्तर-पश्चिम दिशा में बनवाना चाहिए!
सीढ़ियों का निर्माण दक्षिण-पश्चिम या पश्चिम में करवाना सही होता है!

कैसा हो आपके भवन के अंदर का वास्तु – kaisa ho aapake bhavan ke andar ka vaastu – वैदिक वास्तु शास्त्र – vedic vastu shastra

 

Tags: , , , , , , , , , , , , , , ,

Leave a Comment

Scroll to Top