वैदिक वास्तु शास्त्र

rojgar ke avsar

रोजगार के अवसर – वैदिक वास्तु शास्त्र – rojgar ke avsar – vedic vastu shastra

वास्तुशास्त्र में सरकारी व स्वरोजगार के क्षेत्र में अनेक संभावनाएं हैं! देश के कई विश्वविद्यालयों में वास्तुशास्त्र को पाठ्यक्रम भी निर्धारित हैं, जहां पर प्रोफेसर पद के लिए भी कैरियर की प्रबल संभावनाएं हैं! वास्तुशास्त्र में उपाधि लेने के बाद आप अध्यापन के क्षेत्र में जा सकते हैं! आप अपना व्यवसाय भी कर सकते हैं! […]

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vaastu - agar boring galat disha mein ho to kya karen

वास्तु – अगर बोरिंग गलत दिशा में हो तो क्या करें – वैदिक वास्तु शास्त्र – vaastu – agar boring galat disha mein ho to kya karen – vedic vastu shastra

अगर आपके घर के पास कोई नाला या कोई नदी इस प्रकार बहती हो कि उसके बहाव की दिशा उत्तर-पूर्व को छोड़कर कोई और दिशा में है या उसका घुमाव घड़ी की विपरीत दिशा में है, तो यह वास्तु का जल दोष है! इसका निवारण यह है कि घर के उत्तर-पूर्व कोने में पश्चिम की

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vaastu anusaar kahaan ho baatharoom

वास्तु अनुसार कहाँ हो बाथरूम – वैदिक वास्तु शास्त्र – vaastu anusaar kahaan ho baatharoom – vedic vastu shastra

बाथरूम यह मकान के नैऋत्य; पश्चिम-दक्षिण कोण में एवं दिशा के मध्य अथवा नैऋत्य कोण व पश्चिम दिशा के मध्य में होना उत्तम है! वास्तु के अनुसार, पानी का बहाव उत्तर-पूर्व में रखें! जिन घरों में बाथरूम में गीजर आदि की व्यवस्था है, उनके लिए यह और जरूरी है कि वे अपना बाथरूम आग्नेय कोण

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manav jeevan mein vashtushastr ka mahatva

मानव जीवन में वास्तुशास्त्र का महत्व – वैदिक वास्तु शास्त्र – manav jeevan mein vashtushastr ka mahatva – vedic vastu shastra

मानव जीवन में वास्तुशास्त्र का बहुत महत्व है! यह इतना विस्तृत है कि इसे कोर्इ भी व्यकित पूरी तरह से अपने जीवन में अपना नहीं सकता लेकिन कुछ बातें हैं जिन्हें अपनाकर अपने जीवन को बेहतर और सुखी बनाया जा सकता है! वास्तुशास्त्र के अनुसार मकान का निर्माण करते समय सबसे महत्वपूर्ण बात यह है

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phengashuee ke saral sujhaav

फेंगशुई के सरल सुझाव, खास आपके लिए – वैदिक वास्तु शास्त्र – phengashuee ke saral sujhaav, khaas aapake lie – vedic vastu shastra

फेंगशुई के छोटे-छोटे टिप्स से आप जीवन की विषमताओं से स्वयं को बचा सकते हैं! पेश है कुछ बेहद सरल सुझाव आपके लिए… यदि आप अपने परिवार में सुदृढ़ संबंध और संपन्नता चाहते हैं तो फ्रिज को पश्चिम दिशा में रखना चाहिए! यदि आप शांति चाहते हैं तो फ्रिज को दक्षिण-पश्चिम दिशा में रखें! फ्रिज

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bahumanjila bhavan apartment (flat)

बहुमंजिला भवन या एपार्टमेंट (फ्लेट) – वैदिक वास्तु शास्त्र – bahumanjila bhavan apartment (flat) – vedic vastu shastra

1. बहुमंजिला भवन या एपार्टमेंट बनाने के लिए भूखंड चोकोर या आयताकार होना चाहिए | 2. एपार्टमेंट के चारों तरफ खुली जगह होनी चाहिए | 3. भूखंड में पानी का बहाव पूर्व – उत्तर कोने की तरफ होना चाहिए | 4. एपार्टमेंट के भवन का ढाल उत्तर-पूर्व कोने की तरफ होना शुभ रहता है |

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batao kya hai

बाधाएं क्या हैं – वैदिक वास्तु शास्त्र – batao kya hai – vedic vastu shastra

जनसंख्या के आधिक्य एवं विज्ञान की प्रगति के कारण आज समस्त विश्व में बहुमंजिली इमारतों का निर्माण किया जा रहा है! जनसामान्य वास्तु सिद्धांतों के विरुद्ध बने छोट-छोटे फ्लैट्स में रहने के लिए बाध्य है! कहा जाता है कि इन्हें वास्तुशास्त्र के अनुरूप नहीं बनाया जा सकता! पर यदि राज्य सरकारें वास्तुशास्त्र के सिद्धांतों के

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bhawan nirman mein vastu ka rahasya

भवन निर्माण में वास्तु का रहस्य – वैदिक वास्तु शास्त्र – bhawan nirman mein vastu ka rahasya – vedic vastu shastra

भूखण्ड का चयन करते समय जिस प्रकार भू-स्वामी को वास्तु शास्त्र में वर्णित शुभाशुभ का ध्यान रखना आवश्यक होता है, उससे भी कहीं अधिक भवन निर्माण के समय ध्यान रखना चाहिए! मकान निर्माण में दिशाओं का अपना अलग ही महत्व है! दिशाओं के अधिपति व फलाफल इस प्रकार हैं:- दिशा अधिपति फल! उत्तर कुबेर धन्य-धान्य

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bhaarateey vaastu shaastr

भारतीय वास्तु शास्त्र – वैदिक वास्तु शास्त्र – bhaarateey vaastu shaastr – vedic vastu shastra

आधुनिक युग में, आज वास्तु शास्त्र वैज्ञानिकता के आधार पर एक नया मोड ले चुका है, क्यों कि पश्चिमी सभ्यता की चकाचौंध नें मानव जाति को कुछ अधिक ही प्रभावित किया है, जिससे कि अपनी मूलभूत धरोहर प्राचीन ज्ञान को आज हम विज्ञान(साईंस) के नाम से संबोधित करने लगे हैं. किन्तु जब प्राचीन वास्तु ज्ञान

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poorvee ya uttaree deevaar par banaen khidakee

पूर्वी या उत्तरी दीवार पर बनाएँ खिड़की – वैदिक वास्तु शास्त्र – poorvee ya uttaree deevaar par banaen khidakee – vedic vastu shastra

खिड़कियाँ- वास्तु के अनुसार मकान में खिड़कियों की संख्या बराबर होनी चाहिए! पश्चिमी, पूर्वी और उत्तरी दीवारों पर खिड़कियों का निर्माण शुभ माना गया है! यह भी ध्यान रखें कि मकान में खिड़कियाँ द्वार के सामने अधिकाधिक होनी चाहिए, ताकि चुम्बकीय चक्र पूर्ण होता रहे! खिड़कियाँ कभी भी सन्धि भाग में न लगवाएँ! सदर द्वार-

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