मानव शरीर पंचतत्त्वों से निर्मित है- पृथ्वी, जल, आकाश, वायु और अग्नि! मनुष्य जीवन में ये पंचमहाभूत महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं! इनके सही संतुलन पर ही मनुष्य की बुद्धि का संतुलन एवं आरोग्य निर्भर करता है! वास्तु आधारित निर्णय लेकर कोई भी अपने जीवन को सुखी बना सकता है! निवास स्थान में इन पांच तत्त्वों का सही संतुलन होने से उसके निवासी मानसिक तनाव से मुक्त रहकर सही ढंग से विचार करके समस्त कार्य संपन्न कर पाएंगे और सुखी जीवन जी सकेंगे! हम वास्तुशास्त्र के छोटे- छोटे टिप्स अपनाकर अपने जीवन को सुखी और संपन्न बना सकते हैं! यह धारणा गलत है कि वास्तुशास्त्र का मतलब तोड़फोड़ है! मकान की तोड़फोड़ के चक्कर में कोई नहीं पड़ना चाहता, पर बिना तोड़फोड़ के भी वास्तुशास्त्र के उपायों से लाभ प्राप्त किया जा सकता है!
पंचतत्त्वों के सामंजस्य से सुख – समृद्धि – panchatatva ka samanjasya se sukh – samriddhi – वैदिक वास्तु शास्त्र – vedic vastu shastra