जब भी घर की सजावट की बात आती है तो कमरे की छत को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है! इस बात में कोई शक नहीं है कि छत कमरे का आकर्षण बरकरार रखने में अहम भूमिका निभाती है! दरअसल, छत कमरे की पाँचवीं दीवार होती है! फर्श और दीवारों की तरह ही सभी घरों में छत का भी खास महत्व होता है!
फेंगशुई एक्सपर्ट और वास्तु कंसल्टेंट अजय कुमार के अनुसार प्रस्तुत है छत को बनाते समय ध्यान रखने योग्य नियम :
तिरछी छत बनाने से बचें- छत के निर्माण में इस बात का ध्यान रखें कि वह तिरछी डिजाइन वाली न हों! इससे डिप्रेशन और स्वास्थ्य संबंधी अन्य समस्याएँ उत्पन्न होने लगती हैं!
ऊँचाई का रखें ध्यान- घर में छतों की ऊँचाई भी काफी मायने रखती है! वैसे माना जाए तो एक बेहतर छत की ऊँचाई 10 से 12 फुट तक होनी चाहिए! इससे सकारात्मक ऊर्जा ‘ची’ का प्रभाव बेहतर ढंग से होता है लेकिन यदि ऐसा नहीं होता है यानी ऊँचाई 8.5 फुट से कम होती है तो यह आपके लिए कई तरह की समस्याएँ लेकर आती है और जीवन में आगे बढ़ना आपके लिए मुश्किल होता है!
आईने का इस्तेमाल नहीं- घर को बड़ा या खूबसूरत दिखाने के लिए प्रायः छतों में भी आईने का इस्तेमाल किया जाता है! यह ठीक नहीं है! फेंगशुई के नियमों के अनुसार, यदि आप ऐसा करते हैं तो आपकी सोच नकारात्मक ढंग से काम करती है और जीवन में आगे बढ़ने में बाधा आती है! दीवारों पर मिरर का इस्तेमाल एक हद तक ठीक है!
जरूर बनवाएँ स्काईलाइट- छतों की शोभा स्काईलाइट से ही होती है! फेंगशुई के अनुसार, इन लाइटों से जिंदगी में अच्छे अवसर आते हैं और इसका दायरा भी बढ़ता जाता है! इसी तरह ऑफिस में स्काईलाइट का इस्तेमाल आपके करियर के विकास में मददगार होता है, पर बेड के ठीक ऊपर स्काईलाइट का इस्तेमाल न करें! इससे काफी मात्रा में सकारात्मक ऊर्जा उसके द्वारा सोख ली जाती है!
बीम- फेंगशुई में बीम के नीचे सोना, बैठना या काम करना ठीक नहीं माना जाता है यदि निर्माण में बीम का इस्तेमाल करना ही हो तो भी इसके नीचे किसी भी तरह का काम करने से बचें!
कैसे करें रंगों का समायोजन- छत के लिए सफेद रंग ही सबसे अच्छा रहता है! आपके जीवन पर इसका सकारात्मक असर होता है और इसे सकारात्मक ऊर्जा ‘ची’ की गतिशीलता बनी रहती है! यदि आप प्लास्टर ऑफ पेरिस का इस्तेमाल करके डिजाइनिंग करवाना चाहते हैं तो सफेद रंग का इस्तेमाल करते हुए सामान्य डिजाइन ही बनवाएँ!