तक्षक कालसर्प योग
● योग: केतु लग्न में और राहु सप्तम स्थान में हो तथा इसके बीच सारे ग्रह आ जाये तो तक्षक नामक कालसर्प योग बनता है. कालसर्प योग की शास्त्रीय परिभाषा में इस प्रकार का अनुदित योग परिगणित नहीं है. लेकिन व्यवहार में इस प्रकार के योग का भी संबंधित जातकों पर अशुभ प्रभाव पड़ता देखा जाता है.
● प्रभाव: क्षक नामक कालसर्प योग से पीड़ित जातकों को पैतृक संपत्ति का सुख नहीं मिल पाता. या तो उसे पैतृक संपत्ति मिलती ही नहीं और मिलती है तो वह उसे किसी अन्य को दान दे देता है अथवा बर्बाद कर देता है. ऐसे जातक प्रेम प्रसंग में भी असफल होते देखे जाते हैं. गुप्त प्रसंगों में भी उन्हें धोखा खाना पड़ता है. वैवाहिक जीवन सामान्य रहते हुए भी कभी-कभी संबंध इतना तनावपूर्ण हो जाता है कि अलगाव की नौबत आ जाती है.
● उपाय: कालसर्प दोष निवारण यंत्रा घर में स्थापित करके, इसका नियमित पूजन करें.
2- सवा महीने जौ के दाने पक्षियों को खिलाएं.