ketu ka aathaven bhaav - ketu grah - prabhaav aur upaay

केतु का आठवें भाव – केतु ग्रह – प्रभाव और उपाय – आठवाँ दिन – Day 8 – 21 Din me kundli padhna sikhe – ketu ka aathaven bhaav – ketu grah – prabhaav aur upaay – Aathavaan Din

केतु का आठवें भाव में फल आठवां घर मंगल ग्रह का है, जो केतु का शत्रु है। यदि आठवें भाव में केतू शुभ है तो जातक को चौंतीस साल की उम्र में अथवा जात्क की बहन या पुत्री की शादी के बाद पुत्र की प्राप्ति होती है। यदि बृहस्पति या मंगल छठवें या बारहवें घर में हों तो केतू अशुभ परिणाम नहीं देता। चंद्रमा के दूसरे भाव में स्थित होने पर भी यही परिणाम मिलता है। यदि आठवें भाव में स्थित केतू अशुभ हो तो जातक की पत्नी बीमार रहती है। पुत्र का जन्म नहीं होता, यदि होता है तो मृत्यु हो जाती है। जातक मधुमेह या मूत्र रोग से ग्रस्त होता है। यदि शनि अथवा मंगल सातवें घर में हों तो जातक दुर्भाग्यशाली होता है। आठवें भाव में अशुभ केतू के होने की अवस्था में जातक का चरित्र उसके पत्नी के स्वास्थ्य को निर्धारित करता है। छब्बीस साल की उम्र के बाद वैवाहिक जीवन में परेशानियां आती हैं।

उपाय

1. एक कुत्ता पालें।

2. किसी मंदिर में काला और सफेद रंग वाला कंबल दान करें।

3. भगवान गणेश की पूजा करें।

4. कान में सोना पहनें।

5. माथे पर केसर का तिलक लगाएं।

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