उपरोक्त बातों की जांच पड़ताल करने के बाद वर और वधू की कुण्डली मिलान कराना चाहिए। कुण्डली मिलान करते समय जन्म कुण्डली की सत्यता पर भी ध्यान देना चाहिए। मेलापक में 36 गुणों में से कम से कम 18 गुण मिलना शुभ होता है। मेलपाक में 18 गुण होने पर इस इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि गण मैत्री और नाड़ी दोष नहीं हो। वर वधू की राशि का मिलान भी करना चाहिए। राशि मिलान के अनुसार वर और कन्या क्रमश: अग्नि एवं वायु तत्व तथा भूमि एवं जल तत्व के होने पर वैवाहिक जीवन में सामंजस्य बना रहता है।