पृथ्वी तत्व की मित्रता जल तत्व के साथ, अग्नि तत्व की मित्रता वायु तत्व के साथ, पृथ्वी तत्व की मित्रता वायु तत्व के साथ होती है।पृथ्वी तत्व की अग्नि तत्व के साथ, जल तत्व की अग्नि तत्व के साथ और जल तत्व की वायु तत्व के साथ शत्रुता होती है। तत्व के इस विचार को जन्म लग्न और जन्म राशि के साथ अवश्य देख लेना चाहिए। इनमें किसी भी तरह का विभेद दांपत्य जीवन में अंशाति पैदा कर सकता है। वर कन्या के लग्नेश और राशीशों के तत्वों की मित्रता भी देख लेनी चाहिए। यदि दोनों के लग्नेश एक ही तत्व या मित्र तत्व के हों या दोनों राशीश भी लग्नेश के समान एक ही तत्व या मित्रत्व के हों तो दांपत्य-जीवन सुख-शांतिपूर्वक बीतता है। प्रेम और अनुराग निरंतर बढ़ता है। दोनों में किसी भी तरह की भिन्नता होने पर दांपत्य जीवन में क्लेश बढ़ सकता है। राशीश तत्वों की मित्रता देखना बेहद जरूरी होता है।