राहु के अष्टम भाव में होने से यह योग बनता हैं। अशुभ योग होने पर रोग का भय, मानसिक तनाव और आर्थिक तंगी होती हैं। शुभ फल में जातक दीर्घजीवी होता हैं तथा जीवन में भूमि, मकान, वाहन, सन्तान व सुखों की प्राप्ति होती हैं।
उपाय : यहाँ पर कोई भी नग धारण ना करें केवल माँ भगवती का देवी कवच का पाठ करें।