छठे व बारहवां भाव में राहु-केतु के होने पर यह योग बनता हैं। इसका प्रभाव रोग, शञु और मामा पर पङता हैं। जातक गुप्त रोग एवं षङयंञ का शिकार होता हैं। रोग आदि में खर्चा होता हैं। लेकिन शुभ योग में शञुओं पर विजय प्राप्त होती हैं तथा राहु अच्छा फल देता हैं।
उपाय : गोमेद नग धारण करें व शुक्रवार काले उर्द पानी में बहाए। मछलियो को आटे की गोलिया डाले।