dasha ka adhyayan

दशा का अध्ययन – तीसरा दिन – Day 3 – 21 Din me kundli padhna sikhe – dasha ka adhyayan – Teesara Din

अभी तक बताई सभी बातों के बाद दशा की भूमिका आती है, बिना अनुकूल दशा कै कुछ् नहीं मिलता है। आइए इसे समझने का प्रयास करें। सबसे पहले यह देखें कि जन्म कुंडली में किस ग्रह की दशा चल रही है और वह ग्रह किसी तरह का कोई योग तो नहीं बना रहा है।

जिस ग्रह की दशा चल रही है वह किस भाव का स्वामी है और कहाँ स्थित है, यह जांचे। कुंडली में महादशा नाथ और अन्तर्दशानाथ आपस में मित्रता का भाव रखते है या शत्रुता का भाव रखते हैं यह देखें।

कुंडली के अध्ययन के समय महादशानाथ से अन्तर्दशानाथ किस भाव में स्थित है अर्थात जिस भाव में महादशानाथ स्थित है उससे कितने भाव अन्तर्दशानाथ स्थित है, यह देखें। महादशानाथ बली है या निर्बल है इसे देखें। महादशानाथ का जन्म और नवांश कुंडली दोनो में अध्ययन करें कि दोनो में ही बली है या एक मे बली तो दूसरे में निर्बल तो नहीं है यह देखें।

दशा का अध्ययन – dasha ka adhyayan – तीसरा दिन – Day 3 – 21 Din me kundli padhna sikhe – Teesara Din

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