kundalee ka navaan bhaav - kundalee dekhane ke niyam

कुंडली का नवां भाव – कुंडली देखने के नियम – तेरहवां दिन – Day 13 – 21 Din me kundli padhna sikhe – kundalee ka navaan bhaav – kundalee dekhane ke niyam – Terahavaan Din

कुंडली के नौवें भाव को वैदिक ज्योतिष में भाग्य स्थान के नाम से जाना जाता है तथा कुंडली का यह भाव मुख्य तौर पर जातक के पूर्वजन्मों में संचित अच्छे या बुरे कर्मों से इस जन्म में मिलने वाले फलों के बारे में बताता है। कुंडली का नौवां भाव जातक के पूर्वजो के साथ भी संबंधित होता है तथा इस भाव से जातक को अपने पूर्वजो से प्राप्त हुए अच्छे या बुरे कर्मफलों के बारे में भी पता चलता है।

कुंडली का नौवां भाव जातक की धार्मिक प्रवृत्तियों के बारे में भी बताता है तथा उसकी धार्मिक कार्यों को करने की रुचि एवम तीर्थ स्थानों की यात्राओं के बारे मे भी कुंडली के नौवें भाव से पता चलता है। नौवें भाव पर शुभ ग्रहों का प्रभाव जातक को बहुत धार्मिक बना देता है। कुंडली का नौवां भाव विदेशों में भ्रमण तथा स्थायी रुप से स्थापित होने के बारे में भी बताता है।

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