seedhiyon ka vastu

सीढ़ियों का वास्तु – घर का वास्तु – seedhiyon ka vastu – ghar ka vastu

वास्तुअनुसार घर की सीड़ियाँ
वास्तुशास्त्र में घर की सीढ़ियों का काफी महत्व बताया गया है कहा जाता है की वास्तुअनुसार घर की सीढ़ियां यदि सही दिशा में बानी हो तो इससे घर में सुख समृद्धि आती है भारतीय वास्तु विज्ञान के अनुसार घर की सीढ़ियों के लिए नैऋत्य यानी दक्षिण पश्चिम दिशा उत्तम होती है। इस दिशा में सीढ़ी होने पर घर प्रगति ओर अग्रसर रहता है। वास्तुशास्त्र के अनुसार उत्तर पूर्व यानी ईशान कोण में सीढ़ियों का निर्माण नहीं करना चाहिए। इससे आर्थिक नुकसान, स्वास्थ्य की हानि, नौकरी एवं व्यवसाय में समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इस दिशा में सीढ़ी का होना अवनति का प्रतीक माना गया है। दक्षिण पूर्व में सीढ़ियों का होना भी वास्तु के अनुसार नुकसानदेय होता है। इससे बच्चों के स्वास्थ्य उतार-चढ़ाव बना रहता है। अगर आप मकान में घुमावदार सीढ़ियाँ बनाने की प्लानिंग कर रहे हैं, तो आपके लिए यह जान लेना आवश्यक है कि सीढ़ियों का घुमाव सदैव पूर्व से दक्षिण, दक्षिण से पश्चिम, पश्चिम से उत्तर और उत्तर से पूर्व की ओर रखें। चढ़ते समय सीढ़ियाँ हमेशा बाएँ से दाईं ओर मुड़नी चाहिए। सीढ़ियों की संख्या हमेशा विषम होनी चाहिए। जो लोग खुद ग्राउंड फ्लोर पर रहते हैं और किरायेदारों को ऊपरी मंजिल पर रखते हैं उन्हें मुख्य द्वार के सामने सीढ़ियों का निर्माण नहीं करना चाहिए ऐसा करना आपके लिए मुस्किले खड़ी कर सकता है. सीढ़ियों के आरंभ और अंत में द्वार बनवाएं। सीढ़ी के नीचे जूते-चप्पल एवं घर का बेकार सामान नहीं रखें। वास्तु शास्त्र के अनुसार सीढ़ियों के नीचे रसोईघर या फिर बाथरूम नहीं बना होना चाहिए। यह आपके घर की आर्थिक स्थिति को खराब कर सकता है. सीढ़ियों के नीचे फिश-एक्वेरियम या फिर कोई भी ऐसी वस्तु जो जल से संबंधित हो न रखें। ”

सीढ़ियों का वास्तु – seedhiyon ka vastu – घर का वास्तु – ghar ka vastu

 

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