ऐसा कहा जाता हैं कि ज्योतिष शास्त्र एक विज्ञान हैं, परन्तु ज्योतिषी हमेशा वैज्ञानिक नहीं होता क्योंकि उसके द्वारा कुंडली देखकर लगाये जाने वाले अनुमानों की प्रामाणिकता का पता नहीं लगाया जा सकता क्योंकि कोई भी मनुष्य भविष्य के गर्भ में झांक कर नहीं देख सकता कि आने वाले समय में क्या घटना घटित होने वाली हैं। इसके अलावा एक तथ्य यह भी हैं कि कुंडली मिलाना तभी सार्थक सिद्ध हो सकता हैं, जब कुंडलियों में जन्म का समय, स्थान, आदि बातें बिल्कुल सही लिखी हो। इसमें अन्य सभी बातें तो ठीक होने की पुष्टि की जा सकती हैं, परन्तु आप किसी भी बच्चे के जन्म के समय का बिल्कुल सही प्रमाण नहीं दे सकते क्योंकि मात्र एक मिनट अथवा कुछ सेकंड्स का अंतर भी कुंडली में बदलाव करने में सक्षम होता हैं, इसका कारण यह हैं कि इस समय अंतराल में उस बच्चे के सितारे, ग्रह, नक्षत्र, आदि में बदलाव बहुत हद तक संभव हैं।