बृहस्पति केंद्रस्थ होकर मूल त्रिकोण स्वगृही अथवा उच्च का हो तब “हंस योग” होता है। यह मानवीय गुणों से ओत-प्रोत, गैरंग, सुन्दर, हसमुख, मिलनसार, विनम्र होने के साथ, अपार धन-सम्पत्तिवान होता है। पुण्य कर्मों में रुचि रखने वाला, दयालु, कृपालु, शास्त्र का ज्ञान रखने वाला होता है।