loo lagna (sun stroking)

लू लगना (Son stroking) – पुरुष रोग का प्राकृतिक चिकित्सा – loo lagna (sun stroking) – purush rog ka prakritik chikitsa

लू लगना (Sun stroking)
जानकारी:-
जब मनुष्य का शरीर अपनी क्षमता से अधिक गर्म हो जाता है तो इस अवस्था को लू लगना कहते हैं। लू लगने के कारण रोगी के शरीर में पानी की कमी भी हो जाती है जिसके कारण उसके शरीर में कई प्रकार की अन्य बीमारियां भी हो जाती है। इस रोग का प्राकृतिक चिकित्सा से इलाज किया जा सकता है।

लू रोग होने का लक्षण-

इस रोग के कारण व्यक्ति का शरीर गर्म तथा सुस्त हो जाता है। रोगी को ऐसा लगता है कि उसके शरीर में काम करने की ताकत नहीं रही हैं। इस रोग के कारण रोगी की आंखे भी गर्म हो जाती हैं जिसके कारण उसकी आंखों से पानी निकलता रहता है।

लू रोग होने का कारण-

यह रोग व्यक्ति को अधिक देर तक धूप में रहने के कारण तथा अधिक हवा के सम्पर्क में रहने के कारण होता है।

लू रोग से पीड़ित व्यक्ति का प्राकृतिक चिकित्सा से उपचार-

इस रोग से पीड़ित व्यक्ति को सबसे पहले किसी ठंडे स्थान पर आराम करना चाहिए। रोगी व्यक्ति को सोने के लिए केले या रेण्ड के पत्तों को बिछाकर उसका उपयोग बिस्तर के रूप में करना चाहिए। इस रोग से पीड़ित रोगी को भोजन खाना बंद करके इसके स्थान पर दही की लस्सी, मट्ठा, कच्चे आम, चने के साग का शरबत या नींबू का रस मिला पानी अधिक पीना चाहिए। रोगी के शरीर को थोड़ी-थोड़ी देर के अन्तराल के बाद गीले तौलिये से पोंछना चाहिए। इस रोग से पीड़ित रोगी को ठंडे पानी से नहलाना चाहिए। यदि लू की समस्या बहुत अधिक गंभीर हो चुकी हो तो रोगी के पूरे शरीर को ठंडे पानी से भीगी एक चादर से लपेट कर ऊपर से आधे-आधे घण्टे बाद ठंडे पानी का तर देना चाहिए। रोगी के शरीर पर गीली मिट्टी का लेप भी कर सकते हैं। इस रोग से पीड़ित रोगी को उदर स्नान भी करना चाहिए। इस प्रकार से लू से पीड़ित रोगी का प्राकृतिक चिकित्सा से इलाज किया जाए तो रोगी व्यक्ति का रोग कुछ ही समय में ठीक हो जाता है।

लू लगना (Son stroking) – loo lagna (sun stroking) – पुरुष रोग का प्राकृतिक चिकित्सा – purush rog ka prakritik chikitsa

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