multiple esclerosis (multiple sclerosis)

मल्टीपल स्क्लेरोसिस (Multiple Sclerosis) – पुरुष रोग का प्राकृतिक चिकित्सा – multiple esclerosis (multiple sclerosis) – purush rog ka prakritik chikitsa

मल्टीपल स्कलेरोसीस (Multiple Sclerosis)
जानकारी:-
मल्टीपल स्कलेरोसीस एक स्नायुतंत्र का रोग है और यह रोग बहुत समय तक बना रहता है। इस रोग के कारण मायालीन पदार्थ जो की नसों को ढके रखता है उसे नष्ट कर देता है जिसके कारण से स्नायु की संचार प्रणाली रोगग्रस्त हो जाती है और स्नायु की कार्य प्रणाली धीमा हो जाती है या रुक जाती है। यह रोग स्त्रियों को अधिक होता है।

मल्टीपल स्कलेरोसीस रोग होने के लक्षण-

इस रोग से पीड़ित कई रोगियों में अलग-अलग लक्षण दिखाई देते हैं। इस रोग से पीड़ित रोगी को पहले तेज लक्षण सामने प्रकट होते हैं तथा कुछ सप्ताह महीनों या वर्षों के बाद ये लक्षण गायब हो जाते हैं। इस रोग के दुबारा से लक्षण कभी भी दिख सकते हैं और हो सकता है कि इस रोग का आक्रमण जीवनभर कभी भी न हो। इस रोग की शुरुआती अवस्था में रोगी व्यक्ति को थकावट होती है तथा उसका मानसिक संतुलन बिगड़ जाता है। इस रोग से पीड़ित रोगी के हाथ-पैर कमजोर हो जाते हैं तथा सुन्न हो जाते हैं। रोगी की आंखों में कई प्रकार की समस्या हो जाती है तथा रोगी को बोलने में परेशानी होने लगती है। रोगी व्यक्ति को पेशाब पर नियंत्रण नहीं रहता है और उसका पेशाब अपने आप निकल जाता है।

मल्टीपल स्कलेरोसीस रोग के होने के कारण-

इस रोग के होने का सबसे प्रमुख कारण असंतुलित खान-पान है। गलत तरीके के खान-पान के कारण रोगी के शरीर में दूषित द्रव्य जमा हो जाता है जिसके कारण यह रोग व्यक्ति को हो जाता है।
अत्यधिक मानसिक तनाव रहने के कारण भी यह रोग व्यक्ति को हो सकता है।

मल्टीपल स्कलेरोसीस रोग का प्राकृतिक चिकित्सा से उपचार-

मल्टीपल स्कलेरोसीस रोग का उपचार करने के लिए रोगी व्यक्ति को कम से कम 5 दिनों तक फलों तथा सब्जियों का रस सेवन करने के लिए देना चाहिए तथा रोगी व्यक्ति को उपवास रखने के लिए कहना चाहिए तथा इसके बाद रोगी को गर्म पानी का एनिमा क्रिया कराके उसके पेट को साफ करना चाहिए। जिसके फलस्वरूप शरीर का खून साफ हो जाता है और दूषित द्रव्य शरीर के बाहर निकल जाते हैं और रोगी का यह रोग कुछ ही दिनों में ठीक हो जाता है।
मल्टीपल स्कलेरोसीस रोग से पीड़ित रोगी को मौसम के अनुसार सभी प्रकार के फलों तथा सब्जियों का सेवन करना चाहिए क्योंकि ये पदार्थ रोगी के लिए बहुत अधिक लाभदायक होते हैं। ये फल कुछ इस प्रकार हैं- चुकन्दर, गाजर, खीरा, पत्तागोभी, मूली, टमाटर आदि।
मल्टीपल स्कलेरोसीस रोग से पीड़ित रोगी को विटामिन `बी` तथा `ई` युक्त फलों का सेवन करना चाहिए तथा अंकुरित अन्न का सेवन अधिक करना चाहिए और रोगी को यदि थकावट हो रही हो तो उसे अपने थकावट को दूर करने के लिए अधिक से अधिक आराम करना चाहिए। इस प्रकार से प्राकृतिक चिकित्सा से उपचार करने से रोगी का रोग कुछ ही दिनों में ठीक हो जाता है।

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