केतु का भाव

navam shani - chhaya grah ketu ka chakr

नवम खाना – छाया ग्रह केतु का चक्र – सोलहवां दिन – Day 16 – 21 Din me kundli padhna sikhe – navam shani – chhaya grah ketu ka chakr – Solahavaan Din

इनसानी भाषा समझने वाला आज्ञाकारी कुत्ता। खुद की औलाद भी आज्ञाकारी होगी। ऐसा व्यक्ति व्यवहार कुशल होता है। दूसरों को आशीर्वाद देगा तो वे फलित होंगे। सावधानी : बेटे का अपमान न करें बल्कि उसकी सलाह लें। घर में सोना रखें। माता का ध्यान रखें। बेईमानी न करें। लोकमत के विरुद्ध न जाएँ। नवम खाना […]

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kaalasarp yog dosh kee jaanakaaree aur isaka vishleshan

कालसर्प योग दोष की जानकारी और इसका विश्लेषण – चौदहवां दिन – Day 14 – 21 Din me kundli padhna sikhe – kaalasarp yog dosh kee jaanakaaree aur isaka vishleshan – Chaudahavaan Din

जिन लोगों की कुंडली में कालसर्प योग दोष होता है उन लोगों को अपने जीवन में कड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। बचपन ले लेकर बुढ़ापे तक, जीवन के हर पहलू में उन्हें मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। अगर आपको भी अपने काम, परिवार, शिक्षा आदि में परिशानियों का सामना करना पड़ रहा

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guru ke aage aur peeche ke grah bhee apana apana asar dete hai

गुरु के आगे और पीछे के ग्रह भी अपना अपना असर देते है – चौदहवां दिन – Day 14 – 21 Din me kundli padhna sikhe – guru ke aage aur peeche ke grah bhee apana apana asar dete hai – Chaudahavaan Din

गुरु के पीछे के ग्रह गुरु को बल देते है और आगे के ग्रहों को गुरु बल देता है, जैसी सहायता गुरु को पीछे से मिलती है वैसी ही सहायता गुरु आगे के ग्रहो को देना शुरु कर देता है, यही हाल गोचर से भी देखा जाता है, गुरु के पीछे अगर मंगल और गुरु

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raashi chakr mein guru jahaan ho use laga manana jaroori hai

राशि चक्र में गुरु जहाँ हो उसे लगन मानना जरूरी है – चौदहवां दिन – Day 14 – 21 Din me kundli padhna sikhe – raashi chakr mein guru jahaan ho use laga manana jaroori hai – Chaudahavaan Din

कुंडली का विश्लेषण करते वक्त गुरु जहाँ भी विराजमान हो उसे लगन मानना ठीक रहता है, कारण गुरु ही जीव का कारक है और गुरु का स्थान ही बता देता है कि व्यक्ति की औकात क्या है, इसके साथ ही गुरु की डिग्री भी देखनी जरूरी है, गुरु अगर कम या बहुत ही अधिक डिग्री

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grahon ke dishaon ko bhi dhyan mein rakhne jaroori hai

ग्रहों की दिशाओं को भी ध्यान में रखना जरूरी है – चौदहवां दिन – Day 14 – 21 Din me kundli padhna sikhe – grahon ke dishaon ko bhi dhyan mein rakhne jaroori hai – Chaudahavaan Din

कालचक्र के अनुसार राशियों के अनुसार दिशायें भी बताई जाती है, जैसे मेष सिंह और धनु को पूर्व दिशा की कारक और मिथुन तुला तथा कुम्भ को पश्चिम दिशा की कारक वृष कन्या और मकर को दक्षिण दिशा की कारक तथा कर्क वृश्चिक और मीन को उत्तर दिशा की कारक राशियों में माना जाता है।

ग्रहों की दिशाओं को भी ध्यान में रखना जरूरी है – चौदहवां दिन – Day 14 – 21 Din me kundli padhna sikhe – grahon ke dishaon ko bhi dhyan mein rakhne jaroori hai – Chaudahavaan Din Read More »

sheshnag kaal sarp dosh

शेषनाग कालसर्प दोष – तेरहवां दिन – Day 13 – 21 Din me kundli padhna sikhe – sheshnag kaal sarp dosh – Terahavaan Din

कुंडली के बारहवें घर में राहू, छठे घर में केतु और बाकी सभी गृह इन दोनों के मध्य फसे होने से शेषनाग कालसर्प दोष का निर्माण होता है ! शेषनाग कालसर्प दोष जातक के जीवन में कई समस्याएं उत्पन्न करता है ! जातक हमेशा गुप्त दुश्मनों डर में रहता है, उसके गुप्त दुश्मन अधिक होते

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bhakoot dosh

भकूट दोष – तेरहवां दिन – Day 13 – 21 Din me kundli padhna sikhe – bhakoot dosh – Terahavaan Din

– गुण मिलान की प्रक्रिया में आठ कूटों का मिलान किया जाता है जिसके कारण इसे अष्टकूट मिलान भी कहा जाता है तथा ये आठ कूट हैं, वर्ण, वश्य, तारा, योनि, ग्रह मैत्री, गण, भकूट और नाड़ी तथा आइए अब देखें कि भकूट नाम का यह कूट वास्तव में होता क्या है। किसी कुंडली में

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ketu ka dasaven bhaav - ketu grah - prabhaav aur upaay

केतु का दसवें भाव – केतु ग्रह – प्रभाव और उपाय – आठवाँ दिन – Day 8 – 21 Din me kundli padhna sikhe – ketu ka dasaven bhaav – ketu grah – prabhaav aur upaay – Aathavaan Din

केतु का दसवें भाव में फल दसवां घर शनि का होता है। यहाँ के केतु के परिणाम शनि की प्रकृति पर निर्भर करते हैं। यदि केतु शुभ हो तो जातक भाग्यशाली होता, अपने बारे में चिन्ता करने वाला होता है और अवसरवादी होता है। उसके पिता की मृत्यु जल्दी हो जाती है। यदि शनि छठवें

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ketu ka baarahaven bhaav - ketu grah - prabhaav aur upaay

केतु का बारहवें भाव – केतु ग्रह – प्रभाव और उपाय – आठवाँ दिन – Day 8 – 21 Din me kundli padhna sikhe – ketu ka baarahaven bhaav – ketu grah – prabhaav aur upaay – Aathavaan Din

केतु का बारहवें भाव में फल यहाँ केतु को उच्च का माना जाता है। जातक अमीर होगा, बडा पद प्राप्त करेगा, और अच्छे कामों को समर्पित होगा। यदि राहू छठवें भाव में बुध के साथ हो तो बेहतर परिणाम मिलते हैं। जातक को सभी तरह के लाभ और विलासिता की चीजों की प्राप्ति होती है।

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ketu ka paanchaven bhaav - ketu grah - prabhaav aur upaay

केतु का पांचवें भाव – केतु ग्रह – प्रभाव और उपाय – आठवाँ दिन – Day 8 – 21 Din me kundli padhna sikhe – ketu ka paanchaven bhaav – ketu grah – prabhaav aur upaay – Aathavaan Din

केतु का पांचवें भाव में फल पांचवां घर सूर्य का होता है। यह बृहस्पति से भी प्रभावित होता है। यदि बृहस्पति, सूर्य या चंद्रमा चौथे, छठवें या बारहवें घर में हों तो आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी होगी और जातक को पांच पुत्र होंगे। चौबीस साल की उम्र के बाद केतू स्वयमेव शुभ हो जाता है।

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