कूलर का वास्तु वास्तु के अनुसार कूलर की दिशा
आज के समय में हर घर में कूलर देखने को मिलता है, लेकिन उसे रखने की सही दिशा हर किसी को मालूम नहीं है | कूलर ज्योतिष और वास्तु दोनों के हिसाब से अपनी अलग अलग महत्वता रखता है | आपको बता दें की कूलर से जुड़े हुए चार ग्रह होते हैं, बुद्ध, राहु, शनि व चन्द्रमा | वहीं दूसरी और ऐसा कहाँ जाता है की अगर हम अपने घर में कूलर सही दिशा में रखते हैं तो उससे बहुत हद तक वास्तु दूर किया जा सकता है |
वास्तु के हिसाब से कूलर को रखने की सही दिशा उत्तर – पूर्व मानी गई है | लेकिन इसके साथ ही एक बात का ध्यान रखना भी जरूरी है कि कूलर एकदम सही अवस्था में होना चाहिए | इसकी मोटर या पंखा ठीक तरह से काम करता होना चाहिए | अगर हम ज्योतिष के हिसाब से देखे तो वायु की दिशा का वायव्य कोण व चंद्र की दिशा भी वायव्य मानी जाती है, तो ऐसे में कूलर को वायव्य कोण यानि उत्त्तर – पश्चिम दिशा में भी रखा जा सकता है |
कूलर के रंग की बात करें तो इसे हलके नीले रंग का रखना ही शुभ माना जाता है और सबसे बेहतर रंग सिल्वर, सफ़ेद या क्रीम रंग ही होता है | लेकिन लाल, ग्रे और गहरा नीला रंग कूलर का कभी भी घर में न लाएं | वही अगर आपके घर में कूलर रखने की सही जगह नहीं है तो ऐसे में आप दक्षिण – पूर्व दिशा में रखने की सोच रहे हैं तो अपने कूलर को गुलाबी रंग का पेंट करवा के रख सकते है, इससे उसके वास्तु दोष दूर हो जाते हैं | कूलर के लिए वास्तु टिप्स
कूलर खुली जगह पर रखें: कूलर नया हो या पुराना, उसे खुला हुई जगह पर रखें। हो सके तो कूलर को घर की किसी विंडो पर फिक्स कर लें। कूलर को जितना ज्यादा खुला एरिया मिलेगा उतनी ज्यादा ठंडी हवा देगा। यदि घर की खिड़की छोटी है तब उसे जाली वाले दरवाजे के पास भी रख सकते हैं।
कूलर को धूप नहीं आए: कूलर को घर की जिस भी खुली जगह पर रखें वहां पर धूप नहीं आनी चाहिए। यदि धूप आती तब कूलर की हवा ठंडी नहीं मिलेगी। साथ ही, उसका पानी भी तेजी से खत्म होगा। यदि खिड़की पर धूप आती है और कूलर वहां पर लगा है, तब खिड़की के ऊपर चादर लगा दें।
वेंटिलेशन होना जरूरी: कई घर में कूलर लगा होता है, लेकिन वेंटिलेशन नहीं होता। कूलर की हवा में ठंडक तभी होता जब उसे कमरे से बाहर निकलने की जगह मिलेगी। ऐसे में घर खिड़की, रोशनदान या हवा बाहर निकलने का दूसरा रास्ता खुला होना चाहिए।
कूलर की घास को बदलें: कूलर की जाली में जिस घास का इस्तेमाल होता है उसमें धीरे-धीरे धूल जम जाती है। कई बार पानी भी जम जाता है। ऐसे में हवा आने का रास्ता ब्लॉक हो जाता है। ऐसे में जरूरी है कि हर महीने कूलर की घास को बदलें। घास को कभी भी घना नहीं रखें, उसके बीच में गैप होना चाहिए।
पानी का फ्लो चेक करें: कूलर में इस्तेमाल होने वाले वाटर पंप से पानी का फ्लो सही हो रहा है या नहीं। इस बात का भी ध्यान रखें। साथ ही, पानी की ट्रे में पानी निकलने वाले होल बंद तो नहीं है, ये भी देखें। यदि पानी घास तक नहीं पहुंचेगा तो हवा ठंडी नहीं आएगी।”
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