paani ki tanki ka vastu

पानी के टेंक का वास्तु – घर का वास्तु – paani ki tanki ka vastu – ghar ka vastu

पानी के टेंक का वास्तु वास्तु के अनुसार पानी के टेंक की दिशा
हर घर में पानी की आवश्यकता होती है तो कभी पानी की कमी ना हो इसलिए व्यक्ति अपने घर की छतों पर पानी की टंकी की व्यवस्था करवाते है, टंकी लगवाते समय अधिकतर लोग इस बात को बिलकुल भी ध्यान में नहीं रखते की टंकी की उचित दिशा क्या होनी चाहियें, जहाँ पर जगह मिलती है वहीं पर टंकी लगवा देते है। इसे जब भी हम छत पर रखते है या घर के किसी हिस्से में निर्माण करते है तो ये उस हिस्से की ऊंचाई व् भार बढ़ा देता है। जो की सही दिशा में हो तो बचत और स्थायित्व में वृद्धि करता है और गलत दिशा में हो तो कामों में रुकावट उत्पन्न करता है। पानी के टेंक के लिए वास्तु टिप्स
ओवरहेड टैंक की सही दिशा दक्षिण व् पश्चिम होती है। कुछ वास्तु शास्त्री दक्षिण-पश्चिम कोने क सही दिशा बताते है लेकिन यदि आपका मास्टर बेडरूम इस कोण में है तो यहाँ पर टैंक नही रख सकते। ओवर हेड टैंक उत्तर और वायव्य कोण के बीच होना चाहिए। टैंक का ऊपरी भाग गोल होना चाहिए। इस दिशा टैंक लगाते समय यह भी ध्यान रखें कि इस दिशा की दीवार टैंक से ऊंची हो इससे आय में वृद्घि होती है और लंबे समय तक मकान का सुख मिलता है। अगर दक्षिण पश्चिम दिशा में टंकी लगाना संभव नहीं हो तक दक्षिण अथवा पश्चिक दिशा में विकल्प के तौर पर टंकी लगाया जा सकता है। लेकिन यह ध्यान रखें कि दक्षिण की दीवार टंकी से ऊंची हो। पानी की टंकी जमींन के ऊपर होने पर इसे घर के दक्षिण पश्चिम में मकान के ऊपर ही रखें। साथ ही मकान का सबसे ऊँचा निर्माण दक्षिण दिशा में ही होना चाहिए, मकान की दीवारें एकदम सीधी होनी चाहिए। घर में पानी की टंकी दो तरह से रखवाई जा सकती है- एक तो छत के ऊपर या फिर अंडरग्राउंड, यानी भूमि के अंदर। पानी की टैंक रखते हुए ये ध्यान हमेशा रखना चाहिए के इसके ठीक नीचे किसी वयक्ति का बेड तो नही आ रहा। यदि है दोनों में से किसी एक को थोड़ा खिसका दे। उत्तर पूर्व दिशा को भी पानी की टंकी रखने के लिए उचित स्थान नहीं माना गया है। इस दिशा में पानी की टंकी रखने से मानसिक तनाव बढ़ता है और पढने – लिखने में बच्चों का मन भी नहीं लगता है। वहीं अगर आप दक्षिण पूर्व दिशा में पानी की टंकी रखने के बारे में सोचते है तो ये दिशा भी इसके लिए उपयुक्त नही है। वास्तुविज्ञान के अनुसार उत्तर एवं पूर्व दिशा जल के लिए उत्तम दिशा है। इस दिशा में घर के अंदर वॉटर प्यूरिफायर, घड़ा अथवा दूसरे जल पात्र का होना शुभ होता है जबकि इस दिशा में पानी का टैंक होने पर वास्तु दोष उत्पन्न हो जाता है। इससे व्यापार में नुकसान, घर में रहने वाले लोगों के स्वास्थ्य में उतार-चढ़ाव अथवा आकस्मिक दुर्घटना की आशंका बढ़ जाती है। उत्तर पूर्व दिशा भी पानी का टैंक रखने के लिए उचित नहीं है इससे तनाव बढ़ता है और पढ़ने-लिखने में बच्चों का मन नहीं लगता है। दक्षिण पूर्व दिशा को भी पानी का टैंक लगाने के लिए उपयुक्त नहीं माना जाता है क्योंकि इस दिशा को अग्नि की दिशा कहा गया है। अग्नि और पानी का मेल होने से गंभीर वास्तु दोष उत्पन्न होता है। कई लोग घर में अंडरग्राउंड भी पानी की व्यवस्था करवाते हैं, तो इसके लिये उत्तर दिशा, पश्चिम दिशा या पूर्व दिशा का चुनाव करना ठीक होगा। जबकि भूमिगत टंकी के लिये ईशान कोण, यानी उत्तर-पूर्व दिशा को सबसे उचित दिशा माना गया है ”

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