shoo raik ka vastu

शू रैक का वास्तु – घर का वास्तु – shoo raik ka vastu – ghar ka vastu

शू रैक का वास्तु वास्तु के अनुसार शू रैक की दिशा
घरों में शू रैक होता है जिसमें बहुत सारे अलग-अलग तरह के शूज रखे होते है। कुछ लोग शू रैक को घर के दरवाजे के पास में रखते है तो कुछ लोग इसे दरवाजे से थोड़ी दूरी पर रखते है। लोग अलग अलग मौकों पर अलग-अलग जूते पहनते है और इसी वजह से घर में शू रैक भी रखा जाता है। घर के फर्नीचर का एक हिस्सा होती है। इसलिए वास्तु एक्सपर्ट बताते है कि शू रैक की ऊंचाई भी वास्तु के हिसाब से होनी चाहिए। जूतों का संबंध पृथ्वी तत्व से होता है इसलिए इस बात का ध्यान रखना जरुरी कि शू रैक की ऊंचाई फर्श से छत तक की ऊंचाई का एक तिहाई से ज्यादा न हो। अगर इससे ज्यादा ऊंचाई वाला शू रैक है तो यह परिवार के सदस्यों के स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है।
वास्तु के अनुसार शू रैक या शू कैबिनेट हमारे घर के फर्नीचर का एक अहम हिस्सा बन गया है। आज हम आपको शू रैक रखने के वास्तु शास्त्र में बताए गए नियमों के बारे में बताने जा रहे हैं। शू रैक के लिए वास्तु टिप्स
शू रैक रखने की आदर्श दिशाएं पश्चिम या दक्षिण-पश्चिम के कोने हैं। इसे कभी उत्तर, दक्षिण-पूर्व या पूर्व की दिशाओं में नहीं रखना चाहिए। घर की एंट्रेंस उत्तर या पूर्व में है तो शू रैक को इस इलाके में न रखें। अगर ऐसा संभव नहीं है तो इसे घर के बाहर रखें। शू कैबिनेट्स को कभी बेडरूम, किचन या उस रूम में नहीं रखना चाहिए, जहां पूजा होती हो। बेडरूम में शू रैक रखने से शादीशुदा जिंदगी पर नकारात्मक असर पड़ता है। खुले हुए शू रैक की जगह बंद शू कैबिनेट लाने की सलाह दी जाती है, क्योंकि यह घर में नकारात्मकता फैलने से रोकता है। अगर आप अपने बेडरूम में जूते रखते है तो ऐसा करने से आपको बचना चाहिए। जूतों को बेडरूम में रखने से उत्पन्न होने वाली नकारात्मकता आपके वैवाहिक जीवन पर गलत प्रभाव डाल सकती है। शू रैक को कभी भी रसोई घर या पूजा घर के पास नहीं रखना चाहिए। अगर रसोई घर के पास शू रैक रखा जाता है तो इससे घर के परिवार के सदस्यों को बीमारियां हो सकती है। जबकि शू रैक को पूजा घर के पास रखना भगवान का अपमान करना माना जाता है। घर में यदि जूते-चप्पल बिखरे हुए पड़े रहते हैं तो ये घर के सदस्यों में आपसी संबंध खराब करते हैं। इसलिए घर में सही दिशा में स्थान निर्धारित कर एक ही जगह पर जूते-चप्पल रखे होने चाहिए। अगर रहने का एक ही कमरा है तो ध्यान रखें कमरे की उत्तर या पूर्व की दीवार के पास जूते-चप्पल का संग्रह न करें। जिस अलमारी में आपका लॉकर है या पर्स है या धन संग्रह करते हैं, उस अलमारी के नीचे के खाने में जूते-चप्पल का रैक कभी न बनाएं, वरना लक्ष्मीजी रूठ जाएंगी व धन का नाश होना शुरू हो जाएगा। जिस बेड पर सोते हैं, उसके नीचे भी जूते-चप्पल इकट्ठे न होने दें, नहीं तो स्वास्थ्य में कमी के साथ-साथ आपसी संबंधों में भी खटास पैदा हो जाती है। यह भी ध्यान रखना है कि जन्मदिन, वैवाहिक वर्षगांठ या अन्य शुभ अवसर पर आप मित्रों व रिश्तेदारों से कुछ भी उपहार ले सकते हैं, परंतु भूलकर भी कभी जूते उपहार में न लें, न हीं तो आर्थिक समस्या शुरू हो जाएगी। घर में फैले जूते, खासकर मुख्य द्वार के आसपास, घर में झगड़े पैदा कर सकते हैं। जूतों को हमेशा सही तरह से रखें और उन्हें कभी अव्यवस्थित तरीके से न छोड़ें। यह घर में नकारात्मक ऊर्जा लाता है। खुले हुए शू रैक की जगह बंद शू कैबिनेट लाने की सलाह दी जाती है, क्योंकि यह घर में नकारात्मकता फैलने से रोकता है। ध्यान रखें, जूते की अलमारी मुख्य दरवाजे से 2-3 फुट की दूरी पर हो। यह भी ध्यान रहे, जूते की रैक या अलमारी में रखे जूते-चप्पल बाहर की ओर दिखते न रहें। इसमें दरवाजा लगा हो या स्लाइडिंग द्वार हो। मुख्य दरवाजे से ही गणेश-लक्ष्मी व अन्य शुभ ऊर्जा घर में प्रवेश करती है, इसलिए जूते-चप्पल ढके हों और ऊर्जा को घर में प्रवेश करने में कोई बाधा न हो। ”

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