भारतीय वास्तु शास्त्र में पिरामिड के आकार का विशेष महत्व है। वास्तु शास्त्र के अनुसार घर के किसी एक हिस्से की छत को पिरामिड का आकार देना चाहिए। इसके नीचे बैठने से स्मरण शक्ति बढ़ती है तथा और भी मानसिक समस्याएं पिरामिड के नीचे बैठने से दूर होती है।
पिरामिड के कुछ और फायदे नीचे बताए गए हैं-
1- यदि घर को पिरामिड की अद्भुत शक्तियों का लाभ दिलवाना हो तो घर के मध्य भाग को अथवा किसी लिविंग रूम को ऊपर से पिरामिड की आकृति का बनवाएं।
2- यदि घर के किसी भाग में पिरामिड का निर्माण करवाना हो तो उसका एक त्रिभुज उत्तर दिशा की ओर रखें, शेष त्रिभुज स्वत: ही दिशाओं के अनुरूप हो जाएंगे।
3- मस्तिष्क की सक्रियता के लिए पिरामिड के नीचे बैठना लाभप्रद रहता है। मानसिक थकावट दूर होगी और अनिद्रा, सिरदर्द, पीठदर्द आदि में लाभ मिलेगा।
4- लंबी बीमारी व शल्य क्रिया के बाद पिरामिड के नीचे बैठने से जल्दी आराम मिलता है।
5- पिरामिड के नीचे रखी दवाइयां कई दिनों तक खराब नहीं होती, साथ ही उनका असर भी बढ़ जाता है।
6- घर में पिरामिड का चित्र कभी नहीं लगाना चाहिए, यह नकारात्मक ऊर्जा देता है।
7- यदि आपका ईशान ऊंचा हो और नैऋत्य नीचा हो तो नैऋत्य में छत पर पिरामिड की आकृतिनुमा निर्माण करते हुए नैऋत्य को ईशान से ऊंचा किया जा सकता है।
स्मरण शक्ति बढ़ाता है पिरामिड – smaran shakti badhaata hai piraamid – वास्तु शास्त्र के अनुसार घर – vastu shastra ke anusar ghar