जमीन के उत्तर-पूर्व कोने को ईशान कोण कहा जाता है।
यह माना जाता है कि इस कोण पर देवताओं और आध्यात्मिक शक्ति का वास रहता है। इसलिए यह घर का सबसे पवित्र कोना होता है।
भगवान शिव का एक नाम ईशान भी है। चूंकि भगवान शिव का आधिपत्य उत्तर-पूर्व दिशा में होता है इसीलिए इस दिशा को ईशान कोण कहा जाता है।
वास्तु शास्त्र के अनुसार उत्तर और पूर्व दिशा शुभ मानी जाती हैं।
इन दोनों दिशाओं के मिलने वाले कोण पर उत्तर-पूर्व क्षेत्र बनता है इसी वजह से यह घर या प्लाट का यह सबसे शुभ तथा ऊर्जा के स्रोत का शक्तिशाली कोना माना जाता है।
यहां दैवी शक्तियां इसलिए भी बढ़ती हैं क्योंकि इस क्षेत्र में देवताओं के गुरु बृहस्पति और मोक्ष कारक केतु का भी वास रहता है।
वास्तु शास्त्र में ईशान कोण का महत्व – vastu shastra mein ishan kon ka mahatva – वास्तुशास्त्र – vastu shastra