phlait khareedane se pahale aise karen vaastu kee jaanch

फ्लैट खरीदने से पहले ऐसे करें वास्तु की जांच – वास्तु शास्त्र टिप्स – phlait khareedane se pahale aise karen vaastu kee jaanch – vastu shastra tips

अपने लिए फ्लैट का चुनाव करते हुए किसी भी व्यक्ति को वास्तु के कुछ महत्वपूर्ण नियमों पर गौर करना चाहिए। इन नियमों की अवहेलना करने पर परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। जीवन में अगर सकारात्मक ऊर्जा बढ़ाएंगे तो प्रसन्नता भी बढ़ेगी।
इन दिनों फ्लैट संस्कृति बढ़ रही है। शहरों अपने मकान का सपना बहुत महंगा है और इसलिए लोग फ्लैट में गुजर करते हैं। फ्लैट का निर्माण करते हुए बिल्डर हर हिस्से का ज्यादा से ज्यादा उपयोग करना चाहते हैं और इसलिए वास्तु के नियमों की अनदेखी हो जाती है।

अगर आपका फ्लैट किसी ऐसी इमारत में है जो वास्तुदोष युक्त है तो जीवन में समस्याएं खड़ी हो सकती हैं। फ्लैट खरीदते हुए कुछ वास्तु नियमों का पालन आपके जीवन को प्रसन्नता और खुशियों से भर सकता है।

कई बार फ्लैट खरीदते हुए व्यक्ति अपने बजट को प्राथमिकता देता है लेकिन अगर वास्तु के नियमों का भी ध्यान रखा जाए तो बहुत सारी परेशानियों से बचा जा सकता है। फ्लैट का चयन करते हुए आप कुछ बातों पर ध्यान देकर अपनी प्रसन्नता को सुरक्षित कर सकते हैं।

वास्तु और कुछ नहीं केवल सकारात्मक ऊर्जा के संपर्क में रहने का विज्ञान है। अगर आप नकारात्मक ऊर्जा से दूर रहेंगे तो उसका असर आपकी जिंदगी पर साफ दिखाई देगा। वास्तु नियम सकारात्मकता को बढ़ाने में हमारी मदद करते हैं।

– जिस भूखंड या जमीन पर वह बहुमंजिला इमारत बनी है जिसमें आपका फ्लैट है वह आयताकार होना चाहिए। इसके साथ ही उत्तर और पूर्व दिशा में ज्यादा खुली जगह भी होना चाहिए।

– यह भी ध्यान रहे कि आप जहां फ्लैट खरीद रहे हैं वहां आसपास बड़ा अस्पताल, श्मशान, कब्रिस्तान, कसाईखाना न हो क्योंकि इन जगहों से निकलने वाली नकारात्मक ऊर्जा एक बड़े हिस्से को प्रभावित करती है।

– किसी भी ऐसी मल्टीस्टोरी बिल्डिंग में फ्लैट खरीदना चाहिए जिसके उत्तर या पूर्व दिशा अथवा ईशान कोण में भूमिगत पानी की टंकी, कूप या नलकूप हो। अन्य किसी भी दिशा या कोण में जल स्रोत का होना शुभ नहीं माना जाता है।

– ओवरहेड वॉटर टैंक वायव्यकोण, पश्चिम या नैऋत्य कोण में होना चाहिए।

– बहुमंजिला इमारत की चारदीवारी उत्तर की तुलना में दक्षिण में और पूर्व की तुलना में पश्चिम में ज्यादा ऊंची होना चाहिए।

– मल्टी के लिए लगाया जाने वाला जेनरेटर का कमरा दक्षिण-पूर्व (आग्नेय) क्षेत्र में होना चाहिए।

– बहुमंजिला इमारत का मुख्य द्वार एवं फ्लैट का दरवाजा दोनों ही अवरोध रहित होना चाहिए। इनके सामने कोई अड़चन नहीं होना चाहिए।

– बहुमंजिली इमारत में ऊपर जाने की सीढ़ियां ईशान कोण में नहीं बल्कि दक्षिण या पश्चिम में घड़ी की सुइयों की दिशा में होनी चाहिए। ऐसा फ्लैट जो सीढ़ियों के एकदम सामने पड़ता हो, कभी न खरीदें।

– याद रहे कि किसी भी बहुमंजिला इमारत में ग्राउंड फ्लोर पर रहने वालों पर वास्तु दोषों का पूरा प्रभाव पड़ता है। इन दोषों का प्रभाव ऊपरी मंजिल पर रहने वालों पर क्रमश: कम होता जाता है।

– फ्लैट में बालकनी उत्तर, ईशान या पूर्व दिशा में होनी चाहिए ताकि सूर्य से मिलने वाली ऊर्जा और प्रकाश का पूरा लाभ मिल सके।

– रसोईघर फ्लैट के आग्नेय कोण में होना चाहिए। यदि ऐसा संभव न हो तो पश्चिम या उत्तर दिशा में भी बनाया जा सकता है।

– रसोईघर का प्लेटफॉर्म इस तरह होना चाहिए कि खाना बनाने हुए व्यक्ति का मुंह पूर्व की ओर रहे। रसोई में पानी की व्यवस्था उत्तर या ईशान में होना चाहिए।

– फ्लैट के प्रवेश द्वार पर स्वास्तिक, शुभ-लाभ आदि शुभ चिह्न लगाने चाहिए। बुरी नजर से बचने के लिए प्रवेशद्वार पर घोड़े की नाल भी लगा सकते हैं।

– फ्लैट में पशु-पक्षियों के उदास, रोते हुए बच्चे, डूबते सूरज या जहा, ठहरे हुए पानी की तस्वीरें नहीं लगाना चाहिए।

– जिस फ्लैट को कोई परिवार बहुत दुखी या परेशान होकर छोड़ गया हो उसे नहीं खरीदना चाहिए और न ही किराए पर लेना चाहिए।

– रसोईघर कभी घर के मुख्य दरवाजे के सामने न हो।

– शौचालय का स्थान उत्तर-पश्चिम या दक्षिण-पश्चिम में होना चाहिए।

– सभी दरवाजे फ्लैट में भीतर की तरफ खुलना चाहिए।

– खिड़कियों और दरवाजों की कुल संख्या भी सम होना चाहिए।

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– ऐसा फ्लैट जिसकी उत्तर-पूर्व और दक्षिण-पूर्व दिशा में किसी भी तरह की कटौती हो उसे चुनने से बचें।।

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