हर व्यक्ति की ख्वाहिश होती है, कि उसका अपना घर हो और यह घर खुशियों से भरा हो। इसीलिए जो लोग घर खरीद रहे हैं, निर्माण करने वाले हैं या गृहप्रवेश करते हैं वह नवरात्र और दीपावली के शुभ दिनों में ही गृहप्रवेश या घर की नींव रखते हैं।
ऐसा इसीलिए क्योंकि नवरात्र और दीपावली में समृद्धि और खुशी के तत्व प्रकृति में अधिक विद्यमान रहते हैं। इन दिनों प्रकृति में मौजूद पांच तत्व संतुलन में रहते हैं। तब इस समय बनने वाला महावास्तु योग हमारे लिए लाभदायक सिद्ध होता है।
क्या है ‘महावास्तु’
प्रकृति में महावस्तु सदियों से विद्यमान है, यह पांच तत्वों और चारों दिशाओं में मौजूद है, महावास्तु इन सभी के बीच के रिक्त स्थान को भरता है। यह मूल रूप से जीवन में सद्भाव के लिए जाना जाता है।
घर और ऑफिस के लिए ध्यान रखें ये बातें…
– बच्चों के कमरे के पूर्व, उत्तर में होना चाहिए।
– शौचालय कभी भी उत्तर-पूर्व दिशा में नहीं बनाना चाहिए।
– नव विवाहित जोड़े का बेडरूम उत्तर या उत्तर-पश्चिम दिशा में होना चाहिए। यह स्थिति आदर्श मानी जाती है।
– कार्यालय में शौचालय के लिए दक्षिण दिशा बेहतर है। ध्यान रखें टॉयलेट सीट को या तो दक्षिण से उत्तर या पश्चिम से पूर्व दिशा में रखा जाना चाहिए।
– अच्छी किस्मत और सकारात्मक ऊर्जा लाना है तो कार्यालय का प्रवेश द्वार उत्तर या पूर्व का में होना चाहिए। वहीं, रिसेप्शन हमेशा पूर्व या उत्तर में होना चाहिए।
– रसोई घर के दक्षिण पूर्वी क्षेत्र में स्थित होना चाहिए। वहीं, भूमिगत पानी की टंकी उत्तर दिशा में रख सकते हैं। यह दिशा वास्तु के लिहाज से उत्तम मानी गई है।
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– घर या एक कार्यालय खरीदने से पहले प्रवेश द्वार के स्थान की जांच करनी चाहिए, जैसे, एक पूर्व या उत्तर – पूर्वी प्रवेश द्वार बहुत ही शुभ है, यह धन लाभ और सफलता में लाता है।
– महावस्तु के अनुसार, घर में दक्षिण दिशा से पहला प्रवेश द्वार बच्चों को विशेष रूप से परिवार के लड़कों पर नकारात्मक प्रभाव पैदा करता है। जब की पूर्व दिशा की ओर से यदि पहला प्रवेश द्वार है तो यह सफलता लाता है।
वर्ष में सिर्फ इन दिनों में ही करें ‘गृह प्रवेश’ – varsh mein sirph in dinon mein hee karen grh pravesh – वास्तु शास्त्र टिप्स – vastu shastra tips