kya vaastushaastr vigyaan hai?

क्या वास्तुशास्त्र विज्ञान है? – वैदिक वास्तु शास्त्र – kya vaastushaastr vigyaan hai? – vedic vastu shastra

वास्तु का प्रभाव चिरस्थायी है, क्योंकि पृथ्वी का यह झुकाव शाश्वत है! ब्रह्मांड में ग्रहों आदि की चुंबकीय शक्तियों के आधारभूत सिद्धांत पर यह सिद्धांत आधारित है! इसलिए वास्तुशास्त्र के नियम भी शाश्वत हैं, विश्वव्यापी एवं सर्वग्राह्य हैं! किसी भी विज्ञान के लिए अनिवार्य सभी गुण जैसे कि तर्कसंगतता, साध्यता, स्थायित्व,सिद्धांतपरकता एवं लाभदायकता वास्तु के स्थायी गुण हैं! अतः वास्तु को हम वास्तु विज्ञान कह सकते हैं!

इतिहास

हमारी प्राचीन ज्ञान धरोहर व साहित्य कृति वेद हैं! वेदों में वास्तु संबंधित अनेक प्रसंग हैं! वास्तु के अधिष्ठाता देव का नाम वास्तोष्पति है! ऋग्वेद काल से आयुर्वेदिक तथा शतपथ ब्रह्मण काल तक वास्तु शास्त्र क्रमशः विकसित हुआ! सतयुग के बाद त्रेता में रामायण में अयोध्या तथा लंका के वर्णन में वास्तु विज्ञान का प्रयोग वास्तु शास्त्र के विकास का प्रबल प्रमाण है! फिर द्वापर युग में देव शिल्पी विश्वकर्मा तथा दैत्य शिल्पी मंत्र के चमत्कार का नमूना इंद्रप्रस्थ निर्माण, द्वारिका व हस्तिनापुर का निर्माण वास्तु विकास के दृष्यंत हैं! कलियुग में दिल्ली का लाल किला, अगरा का ताजमहल, मदुरै का मीनाक्षी मंदिर, कोणार्क का सूर्य मंदिर इसके मंदिर विकास के उदाहरण हैं! अतः वास्तु शास्त्र वैदिक काल से ही अस्तिव में आया!

क्या वास्तुशास्त्र विज्ञान है? – kya vaastushaastr vigyaan hai? – वैदिक वास्तु शास्त्र – vedic vastu shastra

 

Tags: , , , , , , , , , , , , ,

Leave a Comment

Scroll to Top