vastu karta hai naukar ko bhramit

वास्तु करता है नौकरों को भ्रमित – वैदिक वास्तु शास्त्र – vastu karta hai naukar ko bhramit – vedic vastu shastra

आधुनिक जीवन शैली और बढ़ते भौतिकवाद के युग में विकास की उड़ान भरता हुए मानव मन आज अंतहीन लक्ष्य में सरपट दौड़ा जा रहा है! उसकी कई आकाक्षाएँ हैं जिन्हें सजाने के लिए वह ताने-बाने बुनता है! नौकर व नौकरी शब्द एक ऐसी सहयोग भावना को उत्पन्न करते हैं जिससे दो पक्षों या समूहों की पारस्पारिक आवश्यकताओं की पूर्ति होती है!
आज तो प्रत्येक घर, पॉश कालोनियों में घरेलू नौकर सबसे बड़ी जरूरत बन गई है! किन्तु जिन जरूरतों के लिए उसे रखा जाता है क्या वह वाकई उन्हें पूरा कर आपको सहयोग देगा या फिर वह नकारात्मक ऊर्जा से प्रभावित हो आपको हानि पहुँचाएगा! आज नौकर के मानसिक रूप से विचलित होने की कई घटनाएँ हत्या, लूट-पाट, खाने में जहर! आदि सामने आ रही हैं!
ऐसे मामलों में कौन-सी ऐसी शक्ति, दशा, दिशा, वास्तु, आकृति व परिस्थितियाँ हैं जो उसे हिंसक व आपराधिक प्रवृत्तियों की तरफ मोड़ देती हैं! वास्तु ऊर्जा जो पाँच तत्वों के माध्यम से भवन में रहने वाले प्रत्येक व्यक्ति चाहे वह नौकर ही क्यों न हो, अच्छा-बुरा परिणाम देती हैं :-

नौकर को भी प्रभावित करने वाले तथ्य :-

1. उत्तर और पूर्वी दिशा में कम से कम भार या सामान रखने से नौकर मन लगाकर कार्य को अंजाम देते हैं, तथा उन्हें प्रसन्नता प्राप्त होती है!
2. दक्षिण-पश्चिम दिशाओं में नौकर का कमरा नहीं होना चाहिए, यह स्थिति उसे हानिप्रद व उत्तेजित बनाएँगी, जिससे वह अवैध कार्यों को अंजाम दे सकता है!
3. आज बहुधा लोग नौकर को जहाँ-तहाँ ठहरने के लिए स्थान बना देते हैं, जो सुविधा से ठीक हो सकता है, मगर वास्तु के दृष्टिकोण से वह हानिकारक व नौकर के लिए प्रतिकूल रहता है!
4. ईशान कोण कई दृष्टियों से महत्वपूर्ण है! इसलिए इस दिशा में निर्माण से पहले या बाद में या निर्माण के दौरान इसे ऊँचा नहीं बनाएँ, यह शुभ नहीं माना गया है!
5. पौधे ऊर्जा व शुद्ध हवा के साधन हैं जिसमें कैक्टस के पौधे को घर में नहीं रखना चाहिए! यह कई मायनों में हानिकारक हो सकता है!
6. आज लोग घर को जल्दी ठंडा करने की दृष्टि से छत को नीचे रखते हैं, जिससे सकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश नहीं हो पाता और उसमें रहने वाले नौकर भी मानसिक रूप से उत्तेजित होते हैं!
7. वास्तु अनुसार सीढ़ियाँ दक्षिण या दक्षिण-पश्चिम में अच्छी मानी गई हैं! यदि वह घर के बीच में हैं तो नौकर सहित अन्य पहलुओं पर बुरा असर पड़ सकता है!
8. सीढ़ियों की संख्या विषम शुभ व अच्छी मानी जाती है! सम संख्या की सीढ़ियाँ दोषपूर्ण मानी गई हैं!
9. घरेलू नौकर का कमरा यदि उत्तर और उत्तर-पश्चिम में नहीं रखा गया हो, तो वह उत्तेजित होगा और हिंसक प्रवृत्ति की ओर बढ़ेगा!
10. घरेलू नौकर को रखने हेतु उत्तर व उत्तर-पश्चिम अधिक उत्तम रहता है जिससे वह विश्वास पात्र व मेहनती बना रहता है!
11. पूर्व व उत्तर की दिशाओं में अधिक भारयुक्त सामान रखने तथा इसे अव्यवस्थिति व गंदा रखा गया हो, यह स्थिति भी नौकर को विचलित व प्रभावित करेगी! जिससे वह हिंसक व लोभी प्रवृत्ति की ओर बढ़ने लगता है!
12. अधिकतर लोग गैराज के ऊपर घरेलू नौकर का कमरा बना देते हैं, जो उचित नहीं है! यदि गैराज को दक्षिण-पश्चिम में बना रखा है तो यह अधिक घातक हो जाता है!
13. गैराज के ऊपर नौकर का कमरा होने से उसके अंदर क्रोध, लोभ, हिंसा, तथा चोरी की प्रवृत्ति जागृति होगी! इससे बचें!
14. उत्तर का कोना कटा या गंदा हो तो नौकर की मानसिक प्रवृत्ति बदलती है व दिमाग में उथल-पुथल होता है, उसका ध्यान गलत दिशा की तरफ दौड़ता है, जिसमें चोरी व अन्य चीजें शामिल है!
15. उत्तर-पश्चिम में अग्नि वाली चीजें रखने से भी नौकर के दिमाग में गलत बातें घर करती हैं!

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