विषाक्त कालसर्प योग
● योग: यदि व्यक्ति की कुंडली के ग्यारहवें भाव में राहु और पांचवें भाव में केतु सभी ग्रहों को समेटे हुए हो विषाक्त काल सर्प योग होता है.
● प्रभाव: ऐसे लोग अच्छी विद्या हासिल करते हैं. इन्हें पुत्र की प्राप्ति होती है. ये उदारवादी होते हैं, लेकिन कभी-कभी पारिवारिक कलह का सामना करना पड़ता है. ये कभी भी किसी पर मेहरबान हो सकते हैं.
● उपाय: श्रावण मास में 30 दिनों तक महादेव का अभिषेक करें.
2- सोमवार को शिव मंदिर में चांदी के नाग की पूजा करें, पितरों का स्मरण करें तथा श्रध्दापूर्वक बहते पानी या समुद्र में नागदेवता का विसर्जन करें.