bhadr yog - kundalee mein raaj yog

भद्र योग – कुंडली में राज योग – दसवां दिन – Day 10 – 21 Din me kundli padhna sikhe – bhadr yog – kundalee mein raaj yog – Dasavan Din

बुद्ध केंद्र में मूल त्रिकोण स्वगृही अथवा उच्च का हो तो “भद्र योग” होता है। इस योग का जातक उच्च व्यवसाई होता है। अपने प्रबंधन, कौशल, बुद्धि-विवेक का उपयोग कर व्यवसाय द्वारा धनोपार्जन करता है। ऐसे जातक के जीवन में समुचित आयु में बुद्ध कि दशा आ जाय तो ऐसा जातक मिट्टी में भी हाथ डालेगा तो सोना बन जाएगा। अनेकानेक उपायों से अर्थोपार्जन करेगा तथा व्यवसायिक जगत में शिखर पुरुष होगा। यह योग सप्तम भाव में होता है तो देश का जाना माना उद्योगपति बन जाता है।

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