मंगल भाई का कारक गृह है। उसकी कृपा चाहिए तो अपने भाइयों से प्यार व सम्मान का रिश्ता रखें। इससे मंगल के दोष दूर होंगे।
शुक्र पत्नी का कारक गृह है। अगर आप पत्नी से विवाद करते हैं, अपशब्द कहते है तो इससे आपके तन और धन दोनों की हानि होगी।
किसी भी अधीनस्थ कर्मचारी से सम्मानपूर्वक काम करवाने और समय पर वेतन देने से शनि के शुभ फल प्रदान होते है।
घूमने और व्यायाम से शनि का प्रभाव काम होता है, मंगल का बल बढ़ता है, पसीने में शनि का कारक नमक शरीर से बाहर आता है।
पीपल का पेड़ लगाकर उसकी सेवा करके बड़ा करने से गुरु गृह के सभी दोष समाप्त होजाते है। गुरु की कृपा मिलती है।
चंद्रमा, माता और सूर्य, पिता के कारक गृह होते है। माता-पिता की सेवा, सम्मान से आप जीवन भर सूर्य-चंद्रमा की कृपा प्राप्त सकते हैं।
यदि आप किसी भी स्थान पर गंदगी करते है तो आप पर राहु का बहुत ज्यादा प्रकोप बढेगा। इसलिए, हमेशा अपने आसपास सफाई रखें।