inhen rakhen jaroor yaad

इन्हें रखें जरूर याद – ग्यारहवाँ दिन – Day 11 – 21 Din me kundli padhna sikhe – inhen rakhen jaroor yaad – Gyarahavaan Din

भारतीय ज्योतिष शास्त्र में तीन अनुशासन हैं, जिनका विवाह संबंध स्थापित करने से पूर्व पालन करना आवश्यक है- अष्टकूट विचार, मंगल दोष विचार और शुद्ध विवाह काल निर्णय। इसमें अष्टकूट एवं उसके परिहार निम्न हैं – कुल कूट आठ होते हैं, वर्ण, वश्य, तारा, योनि, राशिश मैत्री, गण, भकुट और नाड़ी। इन कूटों के गुण मुहूर्त शास्त्र मे निम्न बतलाए गए हैं- वर्ण के गुण-1, वश्य के गुण-2, तारा के गुण-3, योनि के गुण-4, राशीश मैत्री के गुण-5, गण के गुण-6, भकुट के गुण-7, नाड़ी के गुण-8 यानी कुल गुणों की संख्या 36 हो जाती है। इनमें से कुछ कूटों का संबंध राशि से है तो कुछ का नक्षत्रों से है।

वर-कन्या की राशि, नक्षत्रों से उनके गुणों की संख्या से तय किया जाता है कि उनका वैवाहिक जीवन सफल रहेगा या नहीं। वर-कन्या के अष्टकूटों के गुण 18 से अधिक होने पर दैवज्ञ विवाह की अनुमति दे देते हैं।

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