sukhad bhavishya ka jamana

सुखद भविष्य की कामना – ग्यारहवाँ दिन – Day 11 – 21 Din me kundli padhna sikhe – sukhad bhavishya ka jamana – Gyarahavaan Din

ज्योतिष शास्त्र ग्रह, योग, नक्षत्र, राशि आदि के आधार पर यह निश्चय करता है कि अमुक राशि, नक्षत्र, योग वाले व्यक्ति का अमुक राशि, नक्षत्र, योग वाली कन्या से वैवाहिक संबंध कैसा रहेगा? दोनों पक्षकारों का पारस्परिक स्वभाव, प्रेम, आचार-व्यवहार कैसा रहेगा? क्योकि समान आचार-व्यवहार वाले वर-कन्या होने पर ही दाम्पत्य जीवन सुखमय हो सकता है।

वर-वधू के गुण मिलान के साथ-साथ कुंडली में ग्रह मिलान, आयु विचार, द्वितीय, चतुर्थ, पंचम, सप्तम, व्यय भाव का तथा पक्षकारों के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य का भी कुंडली में विचार किया जाना आवश्यक होता है। माना जाता है कि इससे दाम्पत्य जीवन सुखी रहता है। जन्म राशि से वर-वधू की कुंडली का शुद्ध मिलान और विवाह मुहूर्त में संपन्न किया जाए तो दांपत्य जीवन सुखी रहने की सम्भावनाएं बढ़ जाती हैं।

सुखद भविष्य की कामना – sukhad bhavishya ka jamana – ग्यारहवाँ दिन – Day 11 – 21 Din me kundli padhna sikhe – Gyarahavaan Din

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