chandr ka dasvin bhav mein phal - kundali ke vibhinn lagn mein chandrama ka manushya par prabhaav va dosh nivaaran

चन्द्र का दसवें भाव में फल – कुंडली के विभिन्न लग्न में चंद्रमा का मनुष्‍य पर प्रभाव व दोष निवारण – पहला दिन – Day 1 – 21 Din me kundli padhna sikhe – chandr ka dasvin bhav mein phal – kundali ke vibhinn lagn mein chandrama ka manushya par prabhaav va dosh nivaaran – Pahla Din

दसवां घर हर तरीके में शनि द्वारा शासित है। यह घर चौथे घर के द्वारा देखा जाता है, जो चंद्रमा द्वारा शासित होता है। इसलिए इस घर में स्थित चंद्रमा जातक को 90 साल की लंबी आयु सुनिश्चित करता है। चंद्रमा और शनि आपस में शत्रु हैं इसलिए, तरल रूप में दवाओं का सेवन जातक को हमेशा हानिकारक साबित होंगी। रात में दूध का सेवन जहर के समान कार्य करता है। यदि जातक चिकित्सक है तो उसके द्वारा रोगी को दी जाने वाली दवाएं यदि शुष्क हों तो मरीज पर इलाज का जादुई प्रभाव पड़ेगा। यदि जातक सर्जन है तो वह सर्जरी के माध्यम से वह महान धन और प्रसिद्धि अर्जित करेगा। यदि दूसरा और चौथा भाव खाली हो तो जातक पर पैसों की बरसात होगी। यदि शनि पहले भाव में स्थित हो तो विपरीत लिंगी के कारण जातक का विनाश हो जाता है, विशेषकर विधवा जातक के विनाश का कारण बनती है। शनि से संबंधित वस्तुएं और व्यवसाय जातक के लिए फायदेमंद साबित होगा।

उपाय

1. धार्मिक स्थानों की यात्रा भाग्य वृद्धि में सहायक होगी।

2. बारिस अथवा नदी का प्राकृतिक जल किसी कंटेनर (कनस्तर) में भर कर अपने घर के भीतर 15 साल तक रखें। यह दसम भाव में स्थित चंद्रमा के विषाक्त और बुरे प्रभाव को धो देगा।

3. रात में दूध न पिएं।

4. दुधारू पशु न तो आपके घर में लंबे समय तक रह पाएंगे और न ही वो आपके लिए फायदेमंद और शुभ साबित होंगे।

5. शराब, मांस, और व्यभिचार से बचें।

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