नौवां घर बृहस्पति, से सम्बंधित होता है जो चंद्रमा का परममित्र है। इसलिए जातक इन दोनों ग्रहों के लक्षण और सुविधाओं को आत्मसात करता है साथ ही अच्छे आचरण, कोमक हृदय, मन से धार्मिक, और धार्मिक कृत्यों तथा तीर्थयात्राओं से प्रेम करने वाला होता है। वह 75 वर्षों तक जीवित रहता है। पाचवें घर में स्थित शुभ ग्रह संतान सुख में वृद्धि और धार्मिक कामों में गहन रुचि विकसित करता है। तीसरे भाव में स्थित मित्र ग्रह पैसे और धन में काफी वृद्धि करता है।
1. घर में चंद्रमा से संबंधित चीजें रखें। जैसे अलमारी में चांदी का एक चौकोर टुकड़ा रखें।
2. मजदूरों को दूध परोसें।
3. सांप को दूध पिलाएं और मछली के लिए चावल डालें।