kundalee ka aathavaan bhaav - kundalee dekhane ke niyam

कुंडली का आठवां भाव – कुंडली देखने के नियम – तेरहवां दिन – Day 13 – 21 Din me kundli padhna sikhe – kundalee ka aathavaan bhaav – kundalee dekhane ke niyam – Terahavaan Din

कुंडली के आठवें भाव को वैदिक ज्योतिष में रंध्र भाव कहा जाता है तथा अपने नाम के अनुसार ही कुंडली का यह भाव मुख्य तौर पर जातक की आयु के बारे में बताता है। किसी कुंडली में आठवें भाव तथा लग्न भाव अर्थात पहले घर के बलवान होने पर या इन दोनों घरों केएक या एक से अधिक शुभ ग्रहों के प्रभाव में होने पर जातक की आयु सामान्य या फिर सामान्य से भी अधिक होती है जबकि कुंडली में आठवें भाव के बलहीन होने से अथवा इस भाव पर एक या एक से अधिक अशुभ ग्रहों का प्रभाव होने से जातक की आयु पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। कुंडली का आठवां भाव वसीयत में मिलने वाली जायदाद के बारे में, अचानक प्राप्त हो जाने वाले धन के बारे में, किसी की मृत्यु के कारण प्राप्त होने वाले धन के बारे में तथा किसी भी प्रकार से आसानी से प्राप्त हो जाने वाले धन के बारे में भी बताता है। कुंडली के आठवां भाव पर अशुभ ग्रहों का प्रभाव जातक को बवासीर तथा गुदा से संबंधित अन्य बीमारियों से पीड़ित कर सकता है।

कुंडली का आठवां भाव – कुंडली देखने के नियम – kundalee ka aathavaan bhaav – kundalee dekhane ke niyam – तेरहवां दिन – Day 13 – 21 Din me kundli padhna sikhe – Terahavaan Din

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