द्वादश भाव में राहु होने से यह योग बनता हैं। जातक को सिर में, नेञ में कष्ट, धन का व्यय, कोई गलत व्यसन करता हैं। शुभ प्रभाव में जातक दूर जाकर धन प्राप्त करता हैं।
उपाय : केतु की पूजा करें और जण्डी के पेङ पर शुक्रवार जल चढ़ाएँ।
द्वादश भाव में राहु होने से यह योग बनता हैं। जातक को सिर में, नेञ में कष्ट, धन का व्यय, कोई गलत व्यसन करता हैं। शुभ प्रभाव में जातक दूर जाकर धन प्राप्त करता हैं।
उपाय : केतु की पूजा करें और जण्डी के पेङ पर शुक्रवार जल चढ़ाएँ।