paayariya (pyorrhoai)

पायरिया (Pyorrhoea) – पुरुष रोग का प्राकृतिक चिकित्सा – paayariya (pyorrhoai) – purush rog ka prakritik chikitsa

पायरिया (Pyrrhoea)
जानकारी:-
जब किसी व्यक्ति को पायरिया रोग हो जाता है तो उसके मुंह से बदबू आने लगती है और यदि मसूढ़ों को दबाते हैं तो दांतों में दर्द तथा मसूढ़ों से खून निकलने लगता है। कभी-कभी तो रोगी के मसूढ़े सूज जाते हैं और उसमें से कभी-कभी पीबयुक्त खून भी निकलने लगता है। जब ये गंदा खून भोजन के साथ पेट में पहुंचता है तो बहुत से रोग पैदा करता है। इस रोग के कारण और भी कई प्रकार के रोग भी व्यक्ति को हो जाते हैं जैसे- पेट में सूजन, अल्सर, अपच, गले की सूजन, ज्वर, आंखों से सम्बन्धित रोग आदि। इसके अलावा पायरिया रोग के कारण और भी कई बड़े रोग हो सकते हैं जो इस प्रकार हैं- जिगर, दिमाग, गुर्दे तथा फेफड़ों के रोग आदि।

पायरिया रोग होने के कारण-

जब कोई व्यक्ति भोजन या अन्य पदार्थ खाने के बाद या पीने के बाद अपने दांतों की सफाई सही से नहीं करता है तो उसके दांतों के आसपास जीवाणु पनपने लगते हैं जिसके कारण उसे पायरिया रोग हो जाता है।
पान, तम्बाकू, सुपारी, धूम्रपान तथा गुटके आदि के सेवन से पायरिया रोग हो सकता है।
कब्ज तथा शरीर में होने वाले अन्य रोग दांतों को प्रभावित करते हैं जिसके कारण पायोरिया रोग हो सकता है।
शरीर में विटामिन `सी´, `डी´, तथा कैल्शियम की कमी हो जाने के कारण भी पायरिया रोग हो सकता है।
चीनी तथा चीनी से निर्मित अन्य खाद्य पदार्थों का अधिक मात्रा में सेवन करने से पायरिया रोग हो जाता है।

पायरिया रोग का प्राकृतिक चिकित्सा से उपचार-

पायरिया रोग का इलाज करने के लिए सबसे पहले रोगी व्यक्ति को इस रोग के होने के कारणों को दूर करना चाहिए।
पायरिया रोग को दूर करने के लिए लिए रोगी को कुछ दिन तक गाजर, नींबू, आंवला, संतरा, मौसमी, पालक, नारियल पानी, सफेद पेठा आदि का रस पीकर उपवास रखना चाहिए। फिर इसके बाद कुछ दिनों तक बिना पका हुआ भोजन जिसमें फल, सलाद, अंकुरित दाल का सेवन करना चाहिए। रोगी को साधारण भोजन जिसमें विटामिन `सी´, `डी´ तथा कैल्शियम की मात्रा वाला भोजन भी अधिक सेवन करना चाहिए।
पायरिया रोग से पीड़ित रोगी को कभी-भी चीनी, मिठाई या डिब्बा बंद खाद्य पदार्थों का उपयोग नहीं करना चाहिए।
पायरिया रोग को ठीक करने के लिए रोगी को प्रतिदिन सुबह के समय में गर्म पानी में नमक डालकर कुल्ला करना चाहिए इससे रोगी व्यक्ति को बहुत अधिक लाभ मिलता है।
पायरिया रोग को ठीक करने के लिए रोग व्यक्ति को अपने मसूढ़ों को प्रतिदिन मलना तथा रगड़ना चाहिए।
नीम के पत्तों को उबालकर उस पानी से प्रतिदिन कुल्ला करने से पायरिया रोग जल्दी ही ठीक हो जाता है।
पायरिया रोग से पीड़ित रोगी को सुबह तथा शाम के समय में नीम की लकड़ी से दातुन करने से बहुत लाभ मिलता है।
पायरिया रोग से पीड़ित रोगी को अपनी उंगुली पर नींबू या आवंला का रस लगाकर अपने मसूढ़ों पर रगड़ने से पायरिया रोग जल्दी ही ठीक हो जाता है।
सरसों के तेल में नमक तथा हल्दी मिलाकर अंगुली से नित्य मसूढ़ों तथा दांतों को रगड़कर साफ करना चाहिए। इससे रोगी को बहुत अधिक लाभ मिलता है।
प्रतिदिन सुबह, दोपहर तथा शाम को 10-10 मिनट के लिए नीम की पत्तियां चबाने से पायरिया रोग जल्दी ही ठीक हो जाता है।
बादाम के छिलके तथा फिटकरी को भूनकर फिर इनको पीसकर एक साथ मिलाकर एक शीशी में भर दीजिए। इस मंजन को दांतों पर रोजाना मलने से पायरिया रोग जल्दी ही ठीक हो जाता है।
पायारिया रोग से पीड़ित व्यक्ति को कुछ भी खाने या पीने के बाद मुंह को अवश्य ही साफ कर लेना चाहिए।
इस रोग से पीड़ित रोगी को दूब चबाने से बहुत लाभ मिलता है और इससे दांतों या मसूढ़ों से रक्तस्राव भी बंद हो जाता है।
प्रतिदिन होठों के आसपास व ठोड़ी पर मिट्टी की पट्टी लगाने से पायरिया रोग ठीक हो जाता है।
पायरिया रोग को ठीक करने के लिए दांतों पर स्थानीय चिकित्सा करने के साथ-साथ पूरे शरीर की प्राकृतिक साधनों से चिकित्सा करनी चाहिए जो इस प्रकार हैं- उपवास, एनिमा, मिट्टी पट्टी, कटिस्नान, गला लपेट, धूपस्नान, तथा जलनेति आदि।
शीतकारी, शीतली प्राणायाम करने से भी पायरिया रोग से पीड़ित रोगी को बहुत अधिक लाभ मिलता है।
मुद्रा, सर्वांगासन, मत्स्यासन तथा पश्चिमोत्तानासन करने से भी पायरिया रोग जल्दी ठीक हो जाता है।

पायरिया (Pyorrhoea) – paayariya (pyorrhoai) – पुरुष रोग का प्राकृतिक चिकित्सा – purush rog ka prakritik chikitsa

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