achman kriya

आचमन क्रिया – पुरुष रोग का योगा द्वारा उपाय – achman kriya – purush rog ka yoga dwara upaay

आचमन क्रिया
प्रथम आचमन – ॐ केशवाय नम:
द्वितीय आचमन – ॐ नारायणाय नम:
तृतीय आचमन – ॐ माधवाय नम:
चतुर्थ आचमन – हस्त प्रक्षालन।
ॐ गोविंदाय नम: बोलकर हाथ धो लें।

पूर्व अथवा पश्चिम की तरफ मुख करके स्नानादि करके शुद्ध कपड़े पहनकर आसन बिछाएं। अब उपरोक्त विधि से आचमन करें और रोगानुसार मंत्र चयन कर पांच माला जप नियमित करें। माला गौमुखी में रखें और गौमुखी से तर्जनी उंगली बाहर रखें और मंत्र जप करें। मंत्र जप न बहुत तेजी से हो और न ही धीमे, पर स्पष्ट उच्चारण आवश्यक शर्त है। एक दिन में एक ही समय मंत्र जप करें। जप की संख्या बढ़ा भी सकते हैं।

आचमन क्रिया – achman kriya – पुरुष रोग का योगा द्वारा उपाय – purush rog ka yoga dwara upaay

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