भारतीय वास्तु शास्त्र

saral vaastu tips 2 - kya karen

सरल वास्तु टिप्स 2 : क्या करें, क्या न करें – वास्तुशास्त्र में वर्जित – saral vaastu tips 2 : kya karen, kya na kare – vastu shastra mein varjit

भवन निर्माण या वास्तु दोषों से मुक्ति हेतु कुछ वैज्ञानिक प्रयासों को अंजाम देकर परिवार में सुख, शांति और व्यापारिक संस्थानों को श्रीसमृद्धि से युक्त बनाया जा सकता है। वास्तु टिप्स का लाभ उठा कर अपने बौद्धिक साहस का परिचय दीजिए। चमत्कारों का सूर्य आपको आभायुक्त बना देगा। धन-समृद्धि के लिए धन की पेटी (कैश […]

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saral aur upyogi vastu tips!!!

सरल और उपयोगी वास्तु टिप्स!!! – वास्तुशास्त्र – saral aur upyogi vastu tips!!! – vastu shastra

ईशान कोण यानी भवन के उत्तर-पूर्वी हिस्से वाला कॉर्नर पूजास्थल होकर पवित्रता का प्रतीक है इसलिए यहां झाड़ू-पोंछा, कूड़ादान नहीं रखना चाहिए।प्रात:काल नाश्ते से पूर्व घर में झाड़ू अवश्य लगानी चाहिए।संध्या समय जब दोनों समय मिलते हैं, घर में झाड़ू-पोंछे का काम नहीं करना चाहिए।घर में जूतों का स्थान प्रवेश द्वार के दाहिने तरफ न

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vastu shastra ke mool siddhant

वास्तुशास्त्र के मूल सिद्धांत – वास्तुशास्त्र – vastu shastra ke mool siddhant – vastu shastra

हमारे ऋषियों का सारगर्भित निष्कर्ष है, ‘यथा पिण्डे तथा ब्रह्माण्डे।’ जिन पंचमहाभूतों से पूर्ण ब्रह्मांड संरचित है उन्हीं तत्वों से हमारा शरीर निर्मित है और मनुष्य की पांचों इंद्रियां भी इन्हीं प्राकृतिक तत्वों से पूर्णतया प्रभावित हैं। आनंदमय, शांतिपूर्ण और स्वस्थ जीवन के लिए शारीरिक तत्वों का ब्रह्मांड और प्रकृति में व्याप्त पंचमहाभूतों से एक

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vaidik vaastushaastr- dishaon aur konon ka vigyaan

वैदिक वास्तुशास्त्र: दिशाओं और कोणों का विज्ञान – वास्तुशास्त्र – vaidik vaastushaastr: dishaon aur konon ka vigyaan – vastu shastra

आज किसी भी भवन निर्माण में वास्तुशास्त्री की पहली भूमिका होती है, क्योंकि लोगों में अपने घर या कार्यालय को वास्तु के अनुसार बनाने की सोच बढ़ रही है। यही वजह है कि पिछले करीब एक दशक से वास्तुशास्त्री की मांग में तेजी से इजाफा हुआ है। वास्तु ऐसा विषय है, जिस पर पुरातन काल

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vaastu- kaise karen dishaon ka shodhan

वास्तु: कैसे करें दिशाओं का शोधन – वास्तुशास्त्र – vaastu: kaise karen dishaon ka shodhan – vastu shastra

दिशाओं में देवी-देवताओं और स्वामी ग्रहों के आधिपत्य से संबंधित बहुत चर्चाएं की गई हैं। दिशाओं के देव व स्वामी होने से पृथ्वी पर किसी भूखंड पर निर्माण कार्य प्रारंभ करते समय यह विचार अवश्य कर लेना होगा कि भूखंड के किस भाग में किस उद्देश्य से गृह निर्माण कराया जा रहा है। यदि उस

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vashtushastr ka udbhav ‘vaidik shastron grh nirmaan yogy bhoomi

वास्तुशास्त्र का उदभव ‘वैदिक शास्त्रों गृह निर्माण योग्य भूमि – वास्तुशास्त्र – vashtushastr ka udbhav ‘vaidik shastron grh nirmaan yogy bhoomi – vastu shastra

अर्थात् जिस भूमि पर अधिक सुरक्षा व सुविधा प्राप्त हो सके, इस प्रकार के मकान को भवन व महल आदि जिसमें मनुष्य रहते हैं या काम करते हैं वास्तु कहते है।इस ब्रह्मण्ड में सबसे शाक्तिशाली प्राकृति है क्योंकि यही सृष्टि का विकास करती है।यही ह्रास प्रलय, नाशा करती है।वास्तु शास्त्र इन्हीं प्राकृतिक शाक्तियों का अधिक

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vaastushastra ke ati mahatvpurn 3 siddhant

वास्तुशास्त्र के अतिमहत्वपूर्ण 3 सिद्धांत – वास्तुशास्त्र – vaastushastra ke ati mahatvpurn 3 siddhant – vastu shastra

कई वर्षों के सफल वास्तु परामर्श के अनुभवों के बाद मैंने पाया है कि दुनिया के किसी भी कोने में, जीवन के किसी भी क्षेत्र में, कोई सफल है तो उसका निवास स्थान या व्यावसायिक स्थल वास्तु अनुरूप अवश्य होता है। यदि वहां थोड़ा सा भी वास्तु दोष होता है तो उस वास्तु दोष से

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vastu shastra : vaidik kal kare

वास्तु शास्त्र : वैदिक काल कार्य – वास्तुशास्त्र – vastu shastra : vaidik kal kare – vastu shastra

प्राचीन काल में ब्रह्मा नेविश्व की सृष्टि से पूर्व वासतु की सृष्टि की तथा लोकपालों की कल्पना की। ब्रह्मा ने जो मानसी सृष्टि की उसे मूर्त रूप देने हेतु विश्वकर्मा ने अपने चारों मानस पुत्र जय, विजय, सिद्धार्थ व अपराजित को आदेशित करते हुए कहा कि ‘मैंने देवताओं के भवन इत्यादि (यथा इन्द्र की अमरावती)

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vastu shastra tips

वास्तु शास्त्र टिप्स – वास्तुशास्त्र – vastu shastra tips – vastu shastra

1. प्रवेश द्वार के ठीक सामने झाडू नही रखना चाहिए अपितु ऐसी जगह रखना चाहिए जहां घर के सदस्यों के अतिरिक्त किसी को नजर न आवे झाडू को उल्टा नही रखना चाहिए। 2. प्रवेश द्वारा के ठीक सामने कचना पात्र व जूते चप्पल न रखें इससे धन आगमन बाधित होता है। 3. ईशान कोण देवताओं

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vastu aur hum

वास्तु और हम – वास्तुशास्त्र – vastu aur hum – vastu shastra

वास्तु विज्ञान और ज्योतिष शास्त्र एक ही गाड़ी के दो पहिये है ! इंसान के जीवन की कुछ समस्याएं ज्योतिष दूर कर सकता है और कुछ वास्तु शास्त्र ! जो लोग इसे जानते नहीं है वे यकीन नहीं करेगे पर सही अर्थों में वास्तु को जाने वाला आप के बिना बताये ही ,केवल आप के

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