धनप्राप्ति के लिए वास्तुअनुसार मुख्यद्वार की दिशा
घर हो या कोई भी प्रतिष्ठान उस जगह का मुख्य द्वार, उसकी दिशा और आकार वहां रहने वाले हर किसी पर सकारात्मक और नकारात्मक रूप से असर डालता है. आइए जानते है घर या दूकान का मुख्य द्वार किस तरह से आर्थिक सम्पन्नता को बढ़ाता है. घर का मुख्यद्वार यदि दक्षिण दिशा में हो तो आर्थिक परेशानियां हमेशा घेरे रहती हैं. वास्तुअनुसार घर में सौभाग्य को बढ़ाने के लिए घर के मुख्य द्वार पर रंगोली सजानी चाहिए या फिर छोटी घंटियां लगानी चाहिए। ऐसा करने से सौभाग्य और धन की प्राप्ति होती है. घर के मुख्य द्वार पर बाहर की ओर मांगलिक चिन्ह जैसे- स्वास्तिक, ओम , त्रिशूल, आदि बनाने चाहिए इससे सुख समृद्धि और प्रसिद्धि में वृद्धि होती है। मुख्यद्वार दक्षिण दिशा में हो तो आर्थिक परेशानियां हमेशा घेरे रहती हैं। जहां तक हो सके ऐसे घर का चुनाव न करें। शुक्रवार के दिन घर के मुख्य द्वार पर एक लोटा जल डालने से माँ लक्ष्मी प्रसन्ना होती है और उनके घर आने का मार्ग खुल जाता है. घर का मुख्य द्वार पूर्व या उत्तर दिशा में हो तो श्रेष्ठ रहता है, लेकिन ऐसा न हो तो घर के मुख्य द्वार पर स्वास्तिक, श्रीगणेश का चिह्न लगाना चाहिए। घर के मुख्यद्वार के साथ जुड़े हॉल का फर्श खराब हो या उसमें कबाड़ भर रहता हो तो उस घर के सदस्यों को मानसिक अशांति का सामना करना पड़ता है. घर के मुख्य द्वार पर व उसके आसपास के क्षेत्र में हमेशा साफ-सफाई होनी चाहिए ताकि सकारात्मक ऊर्जा को घर में प्रवेश कर सके. मुख्य दरवाजा खोलते या बंद करते समय आवाज करता हो तो कब्जों में तेल डाल देना चाहिए नहीं तो परिवार के सदस्यों में खटपट बनी रहती है। घर के मुख्य द्वार के सामने जूते, चप्पल उतारना अशुभ होता है, जो सकारात्मक ऊर्जा को अंदर आने से रोकता है।
मुख्यद्वार की दिशा – mukhya dhara ki disha – प्लाट का वास्तु – plot ka vastu