इस भूखंड के पश्चिम दिशा के दरवाजे का मुख नैत्य कोण में होने पर-
उपाय :—– इस दरवाजे पर काले रंग का पेन्ट करवा दें तथा दरवाजे के समक्ष एक आदमकद आईना इस प्रकार लगवाएं कि प्रवेश करने वाले व्यक्ति को उसका प्रतिबिम्ब अवश्य दिखाई दे।
दोष :—– घर में प्रयोग किया गया जल अथवा वर्षा का पानी पश्चिम से बाहर निकलता हो तो-
नैत्योन्मुख भूखंड के मुखय वास्तु दोष एवं उनके निवारण के उपाय :—-
दोष :—–यदि इस भूखंड में बनाए गये भवन-कक्षों व बरामदों में ठोस भारी वस्तुएं नैत्य कोण का नीचा होना : उपाय —: इस दशा में इन कमरों के अंदर व बरामदों में ठोस भारी वस्तुएं रखे कक्षों को धोते समय जल को नैत्य से ईशान की ओर लाएं एवं पूर्व, उत्तर अथवा ईशान को स्थित दरबाजे से बाहर निकलें।
दोष :— नैत्य कोण में खिड़की होना –
उपाय :—– इस दशा में खिड़की को बंद कर उसके ऊपर गहरे हरे रंग का पर्दा डाल देना चाहिए।
दक्षिणोन्मुख भूखंड के वास्तु दोष एवं उनका निवारण : दोष : इस भूखंड के सम्मुख भाग में कुंआ हो तो- उपाय : ऐसी स्थिति में कुएं को बंद कर देना चाहिए/अथवा कुएं पर मोटी एवं भारी स्लैब डालकर उसे ऊपर से पाट देना चाहिए। आग्नेयोन्मुख भूखंड के