mukhyadvaar va aapaka svaasthy

मुख्यद्वार व आपका स्वास्थ्य – स्वास्थ्य का वास्तु – mukhyadvaar va aapaka svaasthy – swasthya ka vastu

वास्तुअनुसार घर का मुख्यद्वार और आपका स्वास्थ्य
वास्तु शास्त्र में घर या ऑफिस के मुख्य द्वार को सबसे अहम् माना गया है. यदि यह सही दिशा में ना हो तो उस घर में रहने वाले लोगो के स्वास्थ्य पर गहरा असर डाल सकता है. आइये जानते है स्वास्थ्य की दृस्टि से घर का मुख्यद्वार कैसा होना चाहिए. दक्षिण दिशा पर मुख्य द्वार होने से घर की स्त्रियों का स्वास्थ्य ठीक नहीं रहता. यदि घर का मुख्यद्वार पूर्व दिशा में हो और उत्तर दिशा की हद तक निर्माण किया गया हो और दक्षिण दिशा का स्थान खाली हो तो यह उस घर की स्त्री के स्वास्थ्य पर नकारातमक असर डालता है . वास्तुशास्त्र अनुसार गर्भवती महिलाओं को दक्षिण-पश्चिम दिशा वाले कमरे का इस्तेमाल करना चाहिए। ऐसा करने से स्वास्थ्य लाभ होता है. मुख्य द्वार यदि दक्षिण दिशा का है तो लगातार आर्थिक और मानसिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है, दक्षिण-पश्चिम दिशा में प्रवेश द्वार बनाने से बचना चाहिए . इस दिशा में प्रवेश द्वार होने का मतलब है परेशानियों को आमंत्रण देना। यदि आप के घर का में गेट दक्षिण दिशा की ओर हैं तो जितना सम्भव हो उसे बंद रखें, जिससे की आपके घर से आपको बाहर की सडक न दिखाई दें. ऐसा करने से आपके घर के व्यक्तियों का स्वास्थ्य हमेशा ठीक रहेगा. पूर्व में कूड़ादान या स्टोर रूम का होना स्वास्थ्य की दृस्टि से शुभ नहीं मना जाता है. वास्तु अनुसार पूर्व दिशा में बनी दीवार यदि बाकी दीवारों से ऊंची होती है तो घर में रहने वालों का स्वास्थ्य उत्तम नहीं होता. घर का मेनगेट दक्षिण-पश्चिम दिशा में वाले कोने में नहीं होना चाहिए। इससे वहां रहने वाले लोगों की सेहत में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं। ”

मुख्यद्वार व आपका स्वास्थ्य – mukhyadvaar va aapaka svaasthy – स्वास्थ्य का वास्तु – swasthya ka vastu

 

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