वास्तुअनुसार पानी का स्थान और आपका स्वास्थ्य
वास्तुशास्त्र अनुसार सही दिशा में जल रखने जल से मिलने वाली ऊर्जा जीवन में ऐश्वर्य प्रदान करती है हमारे जीवन में पानी का बहुत अधिक महत्व है यदि घर में पानी का स्थान और दिशा उचित ना हो तो ये आपके स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर डाल सकती है आइये जानते है उत्तम स्वास्थ्य के लिए घर में पानी की उचित दिशा कौन सी है. घर के मध्य भाग जिसे ब्रह्म स्थान भी कहा जाता है में भूमिगत जल स्रोत एवं अग्नि की स्थापना से अनिद्रा, मानसिक रोग होते हैं। दक्षिण दिशा में भूमिगत जलस्रोत होने से स्त्री रोग, मानसिक कष्ट होते है. पानी का बर्तन रसोई के उत्तर-पूर्व या पूर्व में भरकर रखें। घर में पानी सही स्थान पर और सही दिशा में रखने से परिवार के सदस्यों का स्वास्थ्य अनुकूल रहता है और सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है। उत्तर पूर्व दिशा को भी पानी की टंकी रखने के लिए उचित स्थान नहीं माना गया है। इस दिशा में पानी की टंकी रखने से मानसिक तनाव बढ़ता है वास्तु शास्त्र में बताया गया है कि जिस घर का पानी पूर्व दिशा की ओर से बाहर निकलता है, उस घर के सदस्यों की सेहत हमेशा अच्छी रहती है| जिस घर का पानी पूरब की ओर से बाहर बह जाता है तो वह स्वास्थ्यवर्धक एवं घर के पुरुषों के लिए शुभ होता है। छत पर पानी का टैंक दक्षिण पश्चिम यानी नैऋत्य कोण में लगाने से अन्य भागों की अपेक्षा यह भाग ऊंचा और भारी हो जाता है। इसलिए उन्नति और समृद्घि के लिए दक्षिण पश्चिक दिशा में पानी का टैंक लगाना चाहिए। ”