13. अपने घर के ईशान कोण में स्थित पूजा-घर में अपने बहुमूल्य वस्तुएँ नहीं छिपानी चाहिए। पूजाकक्ष की दीवारों का रंग सफ़ेद, हल्का पीला अथवा हल्का नीला होना चाहिए। 14. दीपावली अथवा अन्य किसी शुभ मुहूर्त में अपने घर में पूजास्थल में खेत्रपाल की स्थापना करनी चाहिए और नित्य इसकी पूजा करें। खेत्रपाल को दोषयुक्त स्थान पर भी स्थापित करके आप वास्तुदोषों से सरलता से मुक्ति पा सकते हैं। 15. अपने घर में ईशान कोण अथवा ब्रह्मस्थल में स्फटिक श्रीयंत्र की शुभ मुहूर्त में स्थापना करें। यह यन्त्र लक्ष्मीप्रदायक भी होता ही है, साथ ही साथ घर में स्थित वास्तुदोषों का भी निवारण करता है। 16. घर में किसी भी कमरे में सूखे हुए पुष्प नहीं रखने दें। यदि छोटे गुलदस्ते में रखे हुए फूल सूख जाएं, तो नए फूल लगा दें और सूखे पुष्पों को निकालकर बाहर फेंक दें। 17. सुबह के समय थोड़ी देर तक निरंतर बजने वाली नवकार मन्त्र धुन या भक्तामर स्त्रोत्र के पाठ की धुन घर में बजने दें। इसके अतिरिक्त कोई अन्य धुन भी आप बजा सकते हैं। 18. सायंकाल के समय घर के सभी सदस्य मिलकर आरती करें। इससे भी वास्तुदोष दूर होते हैं।