darpan bhi door karta hai vastu dosh

दर्पण भी दूर करता है वास्तु दोष – वैदिक वास्तु शास्त्र – darpan bhi door karta hai vastu dosh – vedic vastu shastra

वास्तु एक प्राचीन विज्ञान है! भवन निर्माण में भूखंड और उसके आस-पास के स्थानों का महत्व अहम होता है! हर मनुष्य की इच्छा होती है कि उसका धर सुंदर और सुखद हो जहां सकारात्मक ऊर्जा का वास हो और वहां रहने वालों का जीवन सुखमय हो!
उसके लिए आवश्यक है कि घर वास्तु के अनुरूप हो! घर के वास्तु का प्रभाव घर के सभी सदस्यों पर पड़ता है! चाहे वह मकान मालिक हो या किरायेदार! आजकल इस मंहगाई के दौर में मकान बनाना एक बहुत बड़ी समस्या है! आजकल फ्लैटों का बहुत चलन है! यह फ्लैट अनियमित आकार के भूखंडों पर बने होते हैं! एक छोटे से भूखंड पर ज्ञाना भाव के कारण मकान के कई अंगों का निर्माण गलत स्थानों पर हो जाता है! इस प्रकार मकान में वास्तु दोष आ जाता है!
वास्तु सिद्धांत के अनुरूप निर्मित भवन में रहने वाले लोगों का जीवन शांतिपूर्ण और सुखमय होता है! इसके अनुरूप भवन निर्माण से उसमें सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है! परिवार के हर सदस्य को कार्य में सफलता मिलती है! हमारे ऋषि मुनियों ने बिना तोड़ फोड़ के वास्तु दोषों को दूर करने के उपाय बताये हैं! जिन्हें अपनाकर विभिन्न दिशाओं से जुड़े दोषों को दूर किया जा सकता है! यहां तक कि घर में अगर दर्पण गलत दिशा में लगा हो तो उसका भी दुष्प्रभाव होता है! सबसे पहले हमें यह देखना है कि दर्पण किस दिशा में शुभ होता है और गलत दर्पण का दोष कैसे दूर किया जा सकता है!
दर्पण को उत्तर या उत्तर-पूर्व, पूर्व दिशा में लगाना चाहिए! इससे आर्थिक उन्नति एवं प्रतिष्ठा मिलती है! दक्षिण दिशा में लगा दर्पण आपको बीमारी दे सकता है! दक्षिण-पूर्व में लगा दर्पण आपको वैचारिक मतभेद, संबंधों में अलगाव और आपके गुस्से को बढ़ा सकता है! पश्चिम की दिशा में लगा दर्पण आपको चुस्त व आराम पसंद बना देगा! उत्तर-पश्चिम में लगा दर्पण आपकी अपनों से दुश्मनी बढ़ा सकता है!
रात को सोते समय पलंग अगर दर्पण में दिखाई दे तो गृह स्वामी के वैवाहिक जीवन के लिए अति घातक हो सकता है! पलंग पर सोने वाले लोगों के बीच अनबन व मतभेद उत्पन्न करके जीवन में कड़वाहट भर देते हैं! घर के मुख्य द्वार में घुसते ही सामने लगा बड़ा आईना जो पूरे द्वार के बराबर हो उस घर से सकारात्मक ऊर्जा घुसते ही वापिस परिवर्तित कर देता है जिससे घर में अभाव, दुख, कष्ट एवं क्लेश व्याप्त रहते हैं!
डायनिंग रूम में दर्पण लगाना अच्छा रहता है! बैठक और गलियारे में भी बड़ा अष्टकोणीय आकार का दर्पण रखना अच्छा होता है! क्योंकि अष्टकोणीय दर्पण आठ दिशाओं का प्रतीक है! दर्पण अगर गलत दिशा में लगा हो तो उसको वहां से हटाना ही सर्वोत्तम उपाय है! दर्पण समझदारी से लगाकर हम सौर ऊर्जा को वापस लाकर वास्तु दोष को दूर कर सकते हैं!

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