kundaliyon mein navam bhav brihaspati grah

कुण्डलियों में नवम भाव बृहस्पति गृह – चौदहवां दिन – Day 14 – 21 Din me kundli padhna sikhe – kundaliyon mein navam bhav brihaspati grah – Chaudahavaan Din

यदि कन्या धर्मपरायण है और वर विपरित प्रवृति का है तो भी बैमनस्य उत्पन्न हो सकता है। अत दोनों की कुण्डलियों में नवम भाव बृहस्पति गृह की स्थिति और बल का अवलोकन करना बी अति आवश्यक है। विवाह के उपरांत संतान की कामना भी स्वभाविक है। बृहस्पति गृह संतान का कारक ग्रह है। यदि वर का यह पक्ष दुर्बल है तो कन्या का दुर्बल होना चाहिए। पति पत्नि के आपसी रिश्तों की मजबूरी के कारण शुक्र तथा व्ययेश ग्रह है। इस पक्ष की ग्रहण विश्लेषण की आवश्यकता आज के युग में आति महत्वपूर्ण है।

कुण्डलियों में नवम भाव बृहस्पति गृह – kundaliyon mein navam bhav brihaspati grah – चौदहवां दिन – Day 14 – 21 Din me kundli padhna sikhe – Chaudahavaan Din

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