जिन जातको की जन्म कुंडली के छठे भाव में गुलिक स्थित होती है, उनके शत्रुओं की संख्या ना के बराबर रहती है। यह अपने सभी शत्रुओं को पराजित करते हुए आगे बढ़ते हैं। शारीरिक रुप से बली व मजबूत होता है और मजबूत अंगों वाला होता है। यह प्रतिभावान होता है और बुद्धिमत्ता से भी संपन्न रहता है। यह अपने जीवनसाथी के बहुत करीब होता है और उसका अत्यधिक प्रिय भी होता है। इन जातको में उत्साह की कमी नहीं होती है इसलिए सदा ही ऊर्जा से भरे रहते हैं। इनका मस्तिष्क स्थिर बुद्धिवाला रहता है और यह अन्य लोगों की मदद करते हुए आगे बढ़ते हैं।
जन्म कुंडली के छठे भाव में गुलिक की स्थिति से व्यक्ति मुकदमेबाजी में जीत हासिल करता है। ऎसा व्यक्ति वकीलो, न्यायाधीश व न्याय प्रणाली की मित्रता हासिल करता है। ऎसा व्यक्ति तंत्र विद्या की भी जानकारी रखता है और काले जादू व प्रेत विद्या की में भी रुचि रखता है। इसी विद्या के आधार पर यह अपनी आजीविका भी चलाते हैं और संसार में जरुरतमंद लोगों की मदद अपनी इस विद्या व तंत्र विद्या से करते हैं। यह योगा आदि में भी रुचि रखते हैं। इनके योग्य पुत्र उत्पन्न होते हैं और इनका स्वास्थ्य सामान्यत: अच्छा ही रहता है।