कुशल व निपुण ज्योतिषियों ने लग्न में गुलिक के फलों को शुभ नहीं माना है। यदि किसी जातक की जन्म कुंडली के लग्न में ही गुलिक स्थित है तब ऎसा व्यक्ति गलत सोहबत में पड़कर चोरी आदि करना सीखता है। ऎसा व्यक्ति किसी के सामने कुछ भी बोलने से हिचकता नहीं है और मुँहफट हो जाता है। यह वेदों अथवा दूसरे शास्त्रों के ज्ञान का अपमान करता है। इसके मस्तिष्क में कुछ बीमारी होती है। इसकी बुद्धि सुस्त सी व कमजोर होती है। संतान सुख भी कम होता है और व्यक्ति सदगुणों से रहित होता है। लग्न भाव में गुलिक के होने से व्यक्ति ज्यादा खाने वाला होता है, इसे पेटू भी कहा जा सकता है।
